India News MP(इंडिया न्यूज़), Health Tips: भारत समेत पूरी दुनिया में कैंसर के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। नेशनल सेंटर ऑफ डिसीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के अनुसार, वर्ष 2022 में देश में कैंसर के 14 लाख नए मामले दर्ज किए गए। हर नौ में से एक व्यक्ति इस घातक बीमारी से जूझ रहा है। वहीं, हाल ही में सिंगापुर ने एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि उनमें कैंसर को बढ़ावा देने वाले केमिकल्स मिले थे।
ऐसे में जब भी आप किसी उत्पाद को खरीदने जाएं, तो उसमें इस्तेमाल किए गए इंग्रेडिएंट्स को ध्यान से देखना जरूरी है। कुछ ऐसे केमिकल्स हैं, जो अगर उत्पादों में मौजूद हों तो वे आपको कैंसर का शिकार बना सकते हैं।
कोल टार: कोल प्रोसेसिंग के दौरान बनने वाला यह बाय-प्रोडक्ट हेयर डाई, शैंपू और स्किन प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अधिक इस्तेमाल से कैंसर, फेफड़ों, मूत्राशय और गुर्दे पर बुरा असर पड़ सकता है।
पैराबेन: कॉस्मेटिक उत्पादों की लाइफ बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाला पैराबेन केमिकल हार्मोन्स और प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। इससे स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
पैथालेट्स: परफ्यूम, हेयर स्प्रे और नेल पॉलिश में इस्तेमाल होने वाले पैथालेट्स जैसे केमिकल्स भी हार्मोन्स को प्रभावित करते हैं और स्तन कैंसर का कारण बन सकते हैं।
फॉर्मेल्डिहाइड: इस तेज गंध वाले गैस का इस्तेमाल बिल्डिंग मटेरियल्स और टेक्सटाइल उद्योग में होता है। यह नासोफैरिन्जियल कैंसर और ल्यूकेमिया जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
एक्रिलामाइड: अधिक तापमान पर खाद्य पदार्थों को फ्राई या बेक करने पर यह केमिकल बनता है। स्टडीज में पाया गया है कि यह जानवरों और इंसानों दोनों में कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।
अतः उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे उत्पादों की इंग्रेडिएंट लिस्ट को ध्यान से देखें और इन जानलेवा केमिकल्स से बचें। स्वस्थ जीवन के लिए यह आवश्यक है।
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