India News MP (इंडिया न्यूज), Indore: इंदौर नगर निगम प्रशासन की एक विवादास्पद कार्रवाई सुर्खियों में है। यहां अतिक्रमण हटाने वाली पीली गैंग के कर्मचारियों को सेना की वर्दी जैसा परिधान पहनने के आदेश दिए गए थे। लेकिन इस कदम पर विवाद खड़ा हो गया है।
कमिश्नर ने दिए थे निर्देश
दरअसल, इंदौर नगर निगम के कमिश्नर शिवम वर्मा ने रिमूवल गैंग के कर्मचारियों को सैनिकों जैसी वर्दी पहनने का निर्देश दिया था। इसके बाद कर्मियों को ऐसी वर्दियां भी बांटी गईं। जब कर्मचारी इन वर्दियों में सड़कों पर उतरे, तो लोगों में हैरानी फैल गई।
कई पक्षों ने जताई आपत्ति (Indore)
इस पर कांग्रेस सहित कई पक्षों ने आपत्ति जताई। उनका कहना है कि सेना की वर्दी पहनना गैर-कानूनी है। साथ ही पूर्व सैनिकों ने भी इस पर नाराजगी जताई। उनका मानना है कि ऐसा करना सशस्त्र बलों का अपमान है।
धारा 144 के तहत सेना जैसी वर्दी पहनना अपराध की श्रेणी में आता है, जिसके लिए सजा का प्रावधान है। सेना के कपड़े बेचना भी प्रतिबंधित है।
इस वर्दी से सेना के सम्मान को ठेस पहुंच सकती है
इस विवाद के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी पलटे हैं। उन्होंने स्वीकार किया है कि सैन्य वर्दी से सेना को ठेस पहुंची है। अब वर्दी में बदलाव किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
संक्षेप में, नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को सैनिक वर्दी पहनाने का फैसला विवादास्पद साबित हुआ है। इसे कानूनी आपत्तियों के साथ-साथ पूर्व सैनिकों ने भी नाप्रसंगिक बताया है। अब महापौर को ही इस फैसले से पलटना पड़ा है।
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