India News MP (इंडिया न्यूज), Indore News: खबर मध्य प्रदेश के इंदौर से है और सुनने में थोड़ी अजीब है। लेकिन सोशल मीडिया हमारी जिंदगी में इस कदर हावी हो गया है कि अब इसने रिश्तों को तोड़ना शुरू कर दिया है, हाल ही में इंदौर में हुई एक घटना में व्हाट्सएप स्टेटस पति-पत्नी के बीच तलाक का आधार बन गया। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
जी हां, ये खबर इंदौर से ही है। सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है कि इंदौर में व्हाट्सएप स्टेटस पर पति-पत्नी के बीच तलाक हो गया। दरअसल, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पीड़ित पत्नी की याचिका स्वीकार कर ली और व्हाट्सएप स्टेटस के आधार पर उसका पति से तलाक करा दिया।
यह पहला मामला है, जब कोर्ट ने पत्नी की याचिका स्वीकार करते हुए व्हाट्सएप स्टेटस के आधार पर तलाक दे दिया। दरअसल इस मामले में पति व्हाट्सएप स्टेटस के जरिए पत्नी को परेशान करता था और इसी के आधार पर कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।
यह पूरा मामला दो साल पहले का है जब इंदौर के फैमिली कोर्ट में यह मामला दायर किया गया था। इस मामले की सुनवाई 2 साल तक चली और उसके बाद कोर्ट ने रतलाम निवासी प्रीतीश यादव को अपनी पत्नी से झूठ बोलकर शादी करने और उसके साथ मारपीट करने का दोषी पाया। दरअसल दोनों ने अप्रैल 2015 में शादी की थी। इंदौर में शादी के बाद परेशानियां बढ़ने लगीं।
पीड़िता ने कोर्ट में जो बताया, उसके मुताबिक शादी के दौरान युवक ने उसे बताया था कि वह राधा स्वामी सत्संग से जुड़ा है और शराब आदि नहीं पीता, लेकिन शादी के एक-दो महीने बाद उसका पति वापस आ गया। उसके असली रंग, इतना ही नहीं, वह रोज रात को शराब पीकर आता था और अपनी पत्नी को परेशान करता था। पत्नी ने शराब न पीने की गुहार लगाई लेकिन आरोपी पति आए दिन शराब पीकर उससे मारपीट करता था।
पीड़िता के गर्भवती होने के बाद जब इंदौर में डिलीवरी की बात आई तो पति ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी मां महाराजा यशवंत राव अस्पताल में काम करती हैं और उनकी अच्छी देखभाल करेंगी। लेकिन पति ने उसकी एक न सुनी और पीड़िता की जान खतरे में डाल दी। इसके चलते एक माह बाद पीड़ित की बेटी की भी मौत हो गई। बच्चों की मौत के बाद महिला अपने मायके आ गई लेकिन उसके पति का व्यवहार वैसा ही रहा और वह शराब पीता रहा।
इधर, जब पीड़िता अपने पति से नाराज होकर अपने माता-पिता के घर आई तो पति हर दिन उसके लिए व्हाट्सएप स्टेटस पर गालियां लिखता था और उसका स्क्रीनशॉट लेकर पीड़िता को भेजता था ताकि वह उन स्टेटस को पढ़ सके। इसके अलावा आरोपी पति ने व्हाट्सएप पर मैसेज के जरिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर उसे अपमानित करने की भी कोशिश की।
इन सभी बिंदुओं को फैमिली कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद पीड़िता ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 125 के तहत भरण-पोषण के लिए आवेदन के साथ अदालत से तलाक की याचिका दायर की। वकील प्रीति मेहना ने कहा, ‘सोशल मीडिया के जरिए अपनी पत्नी को प्रताड़ित करना और स्क्रीनशॉट पर गंदे मैसेज दिखाना भी तलाक का आधार हो सकता है। ऐसे में कोर्ट ने इसी पहलू को ध्यान में रखते हुए पीड़ित पत्नी को एकतरफा तलाक की इजाजत दे दी है।
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