इंदौर: देवास से राऊ तक बने बायपास की राह अब शहरी हिस्से में आसान हो जाएगी। इंदौर के 12 किलोमीटर के हिस्से में पांच ब्रिज बनेंगे, इससे शहर की तरफ आने वाले वाहनों की एंट्री तो आसान होगी। बायपास के एमआर-10 जंक्शन पर ट्रैफिक जाम की समस्या भी हल हो जाएगी। एक माह बाद ब्रिजों के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा।
इसके लिए डिजाइन तैयार हो गई है। राऊ चौराहे पर आकार लेने वाले ब्रिज के लिए मिट्टी परीक्षण भी हो चुका है। बायपास पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम राऊ और एमआर-10 जंक्शन पर ही होता है।
इंदौर की तरफ आने वाले ट्रैफिक की एंट्री सबसे ज्यादा यहां से होती है। फिलहाल यहां दो अंडरपास है। वहां दिनभर जाम लगता है। एमआर-10 जंक्शन पर नया मॉल बनने के बाद सर्विस रोड पर भी यातायात बाधित होता है। यहां त्रिस्तरीय ब्रिज बनेगा। इसके अलावा झलारियां गांव के पास भी ब्रिज बनेगा। यह ब्रिज एमआर-10 जंक्शन से जुड़ा होगा।
रालामंडल चौराहा- रालामंडल और तिंचा फॉल जाने के लिए लोग रालामंडल मार्ग को अपनाते है। यहां अभी डिवाइडर को हटाकर ग्रामीणों ने रास्ता बना लिया है। इस वजह से यहां हादसे का अंदेशा बना रहता है। यहां भी ब्रिज बनाया जाएगा।
अर्जुन बरोदा
देवास की तरफ से आने के बाद यह इंदौर की सीमा का सबसे बड़ा गांव है। यहां कई बड़े गोडाउन और वेयर हाउस है। यहां भारी वाहनों का दबाव ज्यादा रहता है। एक ब्रिज यहां बनाया जाएगा।
राऊ बायपास
जब छहलेन बायपास का ठेका हुआ था, तब राऊ बायपास पर फ्लायओवर की प्लानिंग की गई थी, लेकिन नर्मदा लाइन होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका, लेकिन अब ट्रैफिक जाम को देखते हुए नए सिरे से डिजाइन बना चुकी है। सबसे पहले राऊ बायपास पर ही ब्रिज बनाने का काम शुरू होगा।
नितिन गडकरी ने बायपास पर पांचों ब्रिजों के निर्माण की दी मंजूरी
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बायपास पर पांचों ब्रिजों के निर्माण की मंजूरी दी है। 200 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे। पांचों ब्रिजों के निर्माण का ठेका भी दिया जा चुका है। निर्माण कंपनी को काम शुरू करने को कहा गया है। पांचों ब्रिज बनने के बाद ट्रैफिक जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी। राऊ और एमआरर-10 जंक्शन पर ब्रिज की डिजाइन अलग रहेगी। नगर निगम भी सर्विस रोड का निर्माण कर रहा है। इसके लिए 80 करोड़ रुपये राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने नगर निगम को दिए है।