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Janmashtami 2023: उज्जैन से श्री कृष्ण का गहरा नाता, देश का अकेला मंदिर जहां कृष्ण के साथ राधा नहीं बल्कि बैठीं हैं पांचवी पटरानी

• LAST UPDATED : September 7, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Janmashtami 2023: आज कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जा रहा है। महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल का श्रृंगार श्री कृष्ण रुप में किया गया। उज्जैन से श्री कृष्ण का गहरा रिश्ता माना जाता है। कहा जाता है यहां श्री कृष्ण ने गुरु सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण किया था। इसके अलावा भी कृष्ण का उज्जैन से एक और गहरा रिश्ता बताया जाता है।

  • रानी मित्रवृंदा के साथ बैठे हैं
  • उज्जैने श्री कृष्ण के शिक्षा स्थल

कृष्ण की पांचवी पटरानी

कहा जाता है कि श्री कृष्ण की पांचवी पत्नी रानी मित्रवृंदा इसी नगर से थी। कहा जाता है कि उज्जैन के राजा जयसिंह की बेटी राजकुमारी मित्रवृंदा का स्वयंवर में श्री कृष्ण से विवाह हुआ था। जिसके बाद वो भगवान श्रीकृष्ण की पांचवीं पटरानी बनीं थीं। वैसे तो श्री कृष्ण को हर मंदिर में राधा रानी के साथ बैठाया जाता है। लेकिन उज्जैन में एक मंदिर है जहां श्री कृष्ण अपनी पत्नी रानी मित्रवृंदा के साथ बैठे हैं। लोगों के मुताबिक उज्जैने श्री कृष्ण के शिक्षा स्थल के साथ ही उनका ससुराल भी है।

64 कलाओं का ज्ञान प्राप्त

बता दें कि यह मंदिर भैरवगढ़ रोड पर स्थित है। जहां पर श्री कृष्ण को जमाई के रुप में पूजा जाता है। इस मंदिर को लोग कृष्ण वृंदाधाम मंदिर के नाम से जानते हैं। जन्माष्टमी के मौके पर इस मंदिर में विशेष रुप से पूजा की जाती है। वहीं महाकाल मंदिर में भी आज खास तरीके से पूजा की गई। बता दें कि श्री कृष्ण उज्जैन में 64 दिनों तक रुके थें और जहां उन्होंने 64 कलाओं का ज्ञान प्राप्त किया था।

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