प्रदेश की बड़ी खबरें

पिता माधवराव सिंधिया की जयंती पर भावुक हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया, शेयर किया भावुक पोस्टर

Madhavrao Scindia Birthday: आज केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वर्गीय पिता पूर्व मंत्री व कांग्रेस के कद्दावर नेता स्व. माधवराव सिंधिया की 78वीं जयंती है। जिस पर आज उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया भावुक हो गए हैं।

उन्होंने ट्विटर पर दिल छू लेने वाली भावनाएं प्रकट की हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया लिखते हैं- ‘जीवन की अफरा–तफरी में जब थककर रुक जाता हूं, विचलित मन की गहराई से आपको आवाज़ लगाता हूं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया का भावुक पोस्ट

पिता को याद करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘शिवपुरी और मध्य प्रदेश के लिए कल का दिन ऐतिहासिक है। मैं समस्त प्रदेशवासियों को सहभागी बनने का आग्रह करता हूं. माधव नेशनल पार्क में बाघों का पुनर्स्थापन, मेरे पिता श्रीमंत माधवराव सिंधिया जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उनके सपनों को साकार करने के साक्षी बनें।

जनसंघ से लड़ा था पहला चुनाव

नेता माधवराव सिंधिया का जन्म 10 मार्च 1945 को मुंबई में हुआ था। माधवराव सिंधिया ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया और जीवाजी राव सिंधिया के बेटे थे। साल 2001 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनका निधन हो गया था। कहते हैं कि राजमाता विजया राजे सिंधिया के कारण माधवराव जनसंघ में गए थे। 1971 में विजयाराजे सिंधिया के बेटे माधवराव सिंधिया ने पहला चुनाव जनसंघ से लड़ा था।

मां विजया राजे सिंधिया से मतभेद के चलते कांग्रेस का दामन थामा

बाद में मां विजया राजे सिंधिया से कुछ मतभेद के कारण माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस का दामन पकड़ लिया था। माधवराव सिंधिया ने 1984 के आम चुनाव में बीजेपी के नेता अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था। जिसके बाज 1984 के बाद 1998 तक सभी चुनाव माधवराव सिंधिया ग्वालियर से ही लड़े और जीते। 1996 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाई और भारी बहुमत से लोकसभा के चुनाव में जीत हासिल की।

दो बार एमपी के सीएम बनते-बनते रह गए

माधवराव सिंधिया दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की बनते-बनते रह गए थे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 1989 में चुरहट लॉट्री कांड के समय अर्जुन सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और उन पर इस्तीफा देने का काफी दबाव था। वहीं प्रधानमंत्री राजीव गांधी की इच्छा थी कि माधवराव सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाया जाए लेकिन अर्जुन सिंह ने इस्तीफा नहीं दिया। जिसकी वजह से अर्जुन सिंह को राजीव गांधी की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी।

वहीं दूसरी बार सन 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के चलते मध्य प्रदेश की सुंदरलाल पटवा सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद 1993 में मध्य प्रदेश में चुनाव हुए और प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने सभी खेमों की सुनी और टिकट बांटे। इस चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी। जिसके बाद बहस छिड़ गयी, कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए। तब सीएम की दोइड में तीन नेताओं का नाम सबसे आगे था। उसमें श्यामा चरण शुक्ल, माधवराव सिंधिया, सुभाष यादव शामिल थे।

यह भी पढ़े: मध्य प्रदेश के शिवपुरी माधव नेशनल पार्क में आज से गूंजेगी टाइगर की दहाड़, छोड़े जाएंगे 3 बाघ

Himanshi Rajput

Recent Posts

hgjkhjllhjlhjl

asdfsafafafafafaf

2 days ago

rggsgsgs

sgsgsgsdgsdgsdg

2 days ago

MP Doctors’s Strike: भोपाल में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन, अस्पताल के बाहर लगाई OPD

India News MP  (इंडिया न्यूज़), MP Doctors’ strike: कोलकाता में 8 अगस्त को एक ट्रेनी…

3 months ago

MP Weather Update: मध्य प्रदेश में मानसून फिर सक्रिय, कई जिलों में तेज बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति

India News MP  (इंडिया न्यूज़), MP Weather Update: मध्य प्रदेश में एक हफ्ते के ब्रेक…

3 months ago

Tribal youth Assaulted: सड़क पर युवक ने की आदिवासी व्यक्ति की पिटाई, जूते के फीते बांधने पर किया मजबूर

India News MP  (इंडिया न्यूज़), Tribal youth Assaulted: इंदौर में एक शर्मनाक घटना सामने आई…

3 months ago

MP NCL scandal: NCL में भ्रष्टाचार का बड़ा घोटाला, CBI के पुलिस उपाधीक्षक सहित 5 लोग गिरफ्तार

India News MP (इंडिया न्यूज़), MP NCL scandal: मध्य प्रदेश के सिंगरौली में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स…

3 months ago