सनावद: वैसे तो हमारे देश के नेता अपनी बड़ी-बड़ी उपलब्धीयां गिनवाते है। और अपना गुणगान करते हैं कि उन्होने देश में विकास के लिए कितना काम किया है। देश में आजादी के 75 साल होने पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। देश-विदेश में भारत के उपलब्धीयों का गुणगान किया जा रहा है। तो वहीं एक गांव में 2 किमी पुल के लिए ग्रामीणों का आंदोलन करना वो भी उस पुल के लिए जिसकी दरकार आजादी के बाद से थी, देश की उपलब्धीयों पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
बता दे मामला ग्राम खंनगांव और खेड़ी का है जंहा पुल और सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। 2 किमी पुल की आजादी के बाद से दरकार थी। लेकिन अभी तक पुल ना होने कि वजह से खनगांव ओर खेड़ी के ग्रामीण ट्यूब से आनाजाना करते हैं ।
ग्रामीणों ने सोमवार से शुरू किया अनिश्चितकालीन अनशन
ग्राम खंनगांव ओर खेड़ी के ग्रामीणों ने ग्राम में सड़क और पुल की मांग को लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा इसमें कोई सकारात्मक पहल नहीं होने के बाद अब आंदोलन की राह पकड़ ली है।
ग्रामीणों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया। इसमें खनगांव और खेड़ी के ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण भी इस आंदोलन में शामिल हों रहे है।
ग्रामीणों को आने जाने में ट्यूब के जरिए करना पड़ता है नदी पार
ग्रामीणों ने बताया कि खनगांव ओर खेड़ी के बीच 2 किलोमीटर के पुल की दरकार आजादी के बाद से आज तक पूरी नही हो पाई है। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के बाद आज तक यहां पुल का निर्माण को लेकर कोई पहल नही हुई।
जिसके बाद आज भी ग्रामीणों को आने जाने में ट्यूब के जरिए बांकुर नदी पार कर आना जाना पड़ता है। वही इसको लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों से मांग की गई। लेकिन कोई पहल नहीं हुई। इसके विरोध में अब ग्रामीण अनिश्चितकालीन आंदोलन कर पुल और सड़क की मांग शासन प्रशासन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।