इंडिया न्यूज़,Bhopal News: मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (एमपीएचआरसी) ने पुलिस को बिना किसी देरी के पुलिस हिरासत में व्यक्तियों की चिकित्सा जांच करने और उसका रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया।आयोग ने यह भी कहा कि यदि परिवार का कोई सदस्य या किसी गिरफ्तार व्यक्ति का अधिवक्ता मिलने आता है तो उसे कानून के अनुसार अनुमति दी जानी चाहिए। आयोग ने आगे कहा कि मानवाधिकार और संबंधित विषयों के अध्ययन के दौरान पुलिस प्रशिक्षण और पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों में ध्यान दिया जाए। पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों को रोकने के लिए तैयार किया जाना चाहिए।
Read More: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आचार संहिता की उलंघना का आरोप