India News(इंडिया न्यूज), Mahakal Temple, उज्जैन: एमपी में आचार संहिता लगते ही महाकाल मंदिर में नेताओं का कोटा खत्म कर दिया है। इस कोटे में दर्शनार्थियों की संख्या को ऑनलाइन भस्म आरती में कन्वर्ट किया है। जिससे ऑनलाइन परमिशन की संख्या में 330 श्रद्धालुओं का इजाफा हुआ है।
बता दें कि एमपी में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होते ही मंदिर में प्रबंध समिति ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब मंदिर में राजनीतिक आधार पर दर्शन करने वाले नेताओं का कोटा खत्म कर दिया है। इस कोटे में दर्शनार्थियों की संख्या को ऑनलाइन भस्म आरती में बदल दिया है। जिससे ऑनलाइन भस्म आरती परमिशन की संख्या में 330 श्रद्धालुओं का इजाफा हो गया है। साथ ही पूरे दिन दर्शन करने आने वाले नेताओं के कोटे को भी खत्म कर दिया है। जो ग्रुप बनाया गया था, उसे भी डीएक्टिवेट कर दिया है। प्रोटोकॉल व्यवस्था को भी बंद कर दिया है।
महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने जानकारी दी, कि पहले ऑनलाइन संख्या 400 हुआ करती थी। अब वो 330 और अधिक बढ़ गई है। शीघ्र दर्शन करने का शुल्क लिया जाएगा- मंदिर प्रशासक
साथ ही उन्होंने आगे बताया कि पूरा राजनीतिक कोटा उसमें ट्रांसफर हो गया है। दिन में भी जो श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं, उसमें भी दो कोटा चलते हैं। उसमें 4-5 हजार का कोटा है। उसे भी पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। अब कोई आम इंसान दर्शन करने आता है और वह जल्दी दर्शन करना चाहता है तो पहले से ही नियम तय हो गया है, तो उसे शीघ्र दर्शन का शुल्क लिया जाएगा।
बता दें कि गर्भ ग्रह में प्रवेश प्रतिबंधित है साथ ही साधारण तरीके से आने पर कोई फीस नहीं ली जाएगी। गर्भ ग्रह में प्रवेश प्रतिबंधित है। विशेष परिस्थिति में किसी को परमिशन दी जाती है, उसके लिए प्रबंध समिति ने निर्णय के लिए अध्यक्ष को अधिकृत किया है।
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