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Mahakaleshwar: उज्जैन में भगवान महाकाल का पंचामृत से अभिषेक और भस्मारती पूजन, दूल्हे स्वरूप में दर्शन

• LAST UPDATED : February 18, 2023

उज्जैन। Mahakaleshwar : देशभर में महाशिवरात्रि की धूम है। शिवरात्रि पर्व पर दोपहर 3 बजे विशेष पंचामृत अभिषेक व भस्मार्ती पूजन किया गया। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आज बाबा की भस्मारती में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंचे। शिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आज दिन भर महाकाल मंदिर में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

  • देश भर में महाशिवरात्रि की धूम
  • पंचामृत अभिषेक से किया गया पूजन
  • आज तड़के 3 बजे बाबा महाकाल की भस्मार्ती की गई
  • 10  लाख से अधिक श्रद्धालु आने की सम्भावना
  • 9 तरीके का होता है महादेव का शृंगार
  • दूल्हे के रूप में नजर आए महाकाल

यूं तो महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में यह पर्व अपने आप में कुछ खास है। आज तड़के 3 बजे बाबा महाकाल की भस्मार्ती की गई। इससे पहले बाबा को पंचामृत यानी दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से स्नान कराया गया। इसके बाद चंदन का लेप कर सुगंधित द्रव्य अर्पित किए।

प्रिय भांग से भी सजाया गए बाबा

उन्हें बाबा की प्रिय विजया (भांग) से भी सजाया गया था। इसके बाद बाबा को सफेद वस्त्र पहनाया गया और फिर बाबा की भस्म लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई। भसिमभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्मार्ती की गई ।

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

उज्जैन में भगवान शिव भूतिया महाकाल के रूप में विराजमान हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में से केवल यही एक ज्योतिर्लिंग है जिसका आसन दक्षिणमुखी है। पूरी तरह से भगवान महाकालेश्वर के रंग में रंगा यह शहर सुबह-शाम ऐसा लगता है मानो विधाता ने खुद इसे अमृत की बूंदों से नहला कर सजाया हो। बाबा महाकाल पर रोजाना भस्म चढ़ाई जाती है।

9 तरीके का होता है महादेव का शृंगार

पूजा के इस कर्म को महाशिवरात्री से पहले 9 दिन तक जारी रखा जाता है और 9 दिनों तक महाकाल का अलग-अलग शृंगार किया जाएगा अर्थात 9 दिन तक महाकाल अपने भक्तों को अलग-अलग रूप में दर्शन देते है।

  • शिव नवरात्रि पर्व के पहले दिन भगवान महाकाल का चंदन से श्रृंगार किया जाता है और जलाधारी पर हल्दी अर्पित की जाती है।
  • दूसरे दिन भगवान महाकाल का शेषनाग के रूप में श्रृंगार किया जाएगा।
  • शिव नवरात्रि के तीसरे दिन भगवान महाकाल का घटाटोप श्रृंगार किया जाएगा।
  • चौथे दिन भगवान महाकालेश्वर का छबीना श्रृंगार होगा।
  • शिव नवरात्रि के पांचवे दिन भगवान महाकाल होलकर रूप में भक्तों को दर्शन देंगे।
  • छठे दिन महाकाल मनमहेश स्वरूप में दिखाई देंगे।
  • शिव नवरात्रि के सातवें दिन भगवान शिव के साथ देवी पार्वती भी दिखाई देंगी। इसे उमा-महेश श्रृंगार कहा जाता है।
  • आठवें दिन महाकाल का श्रृंगार शिव तांडव स्वरूप में होगा।
  • शिव नवरात्रि के अंतिम दिन यानी महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल दूल्हे के रूप में दर्शन देते हैं। जिसे सेहरा दर्शन कहा जाता है।

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