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Mahakaleshwar Mandir Ujjain: महाकाल ने सरस्वती रूप में दिए दर्शन, मंदिर में श्रद्धालुओं का लगा तांता

• LAST UPDATED : February 14, 2024

India News(इंडिया न्यूज़), Mahakaleshwar Mandir Ujjain: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष ने बताया कि बसंत पंचमी से ही भगवान महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को गुलाल चढ़ाने की शुरुआत हो जाती है।

Mahakaleshwar Mandir Ujjain: महाकालेश्वर मंदिर के पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि बसंत पंचमी से महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को गुलाल चढ़ाने की शुरुआत हो जाती है.

बसंत पंचमी के दिन भगवान महाकालेश्वर ने सरस्वती माता के रूप में दर्शन दिए, भगवान के अद्भुत दर्शन करने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे हैं, बसंत पंचमी से महाकालेश्वर मंदिर में बसंत उत्सव की शुरुआत भी हो जाती है।

बसंत पंचमी (Basant Panchami) के अवसर पर भगवान महाकालेश्वर ने माता सरस्वती के रूप में दर्शन दिए. भगवान के अद्भुत दर्शन को निहारने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे हैं. बसंत पंचमी से महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में बसंत उत्सव की शुरुआत हो जाती है.

आज के दिन से ही भगवान महाकाल को रंग और गुलाल लगना भी शुरू हो जाता है, भगवान महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष ने बताया कि बसंत पंचमी से महाकालेश्वर मंदिर में भगवान को गुलाल चढ़ने की शुरुआत हो जाती है, बुधवार को संध्याकालीन आरती में भगवान को गुलाल का तिलक लगाया जाएगा।

इसी दिन से भगवान महाकाल को रंग और गुलाल लगना भी शुरू हो जाता है.महाकालेश्वर मंदिर के पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि बसंत पंचमी से महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को गुलाल चढ़ने की शुरुआत हो जाती है. बुधवार को संध्याकालीन आरती में भगवान को गुलाल का तिलक लगाया जाएगा.

पुजारी आशीष ने बताया कि महाकालेश्वर भगवान के मंदिर में बसंत उत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है, साथ ही बसंत पंचमी के अवसर पर महाकाल भगवान ने भस्म आरती के दौरान माता सरस्वती के रूप में अपने भगतों को दर्शन दिए।
आशीष पुजारी ने बताया कि वर्ष भर में एक बार भगवान शिव शक्ति के रूप में दर्शन देते हैं. भगवान के स्वरूप के दर्शन करने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे हैं. पंडित आशीष पुजारी के मुताबिक अब होली के बाद तक महाकालेश्वर मंदिर में अलग-अलग प्रकार से बसंत उत्सव मनाया जाएगा.
पुजारी आशीष ने बताया कि साल भर में एक बार भगवान शिव शक्ति के रूप में अपने भगतों को दर्शन देते हैं, भगवान के स्वरूप के दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे हैं।
वहीं महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी भूषण गुरु ने बताया कि जिस प्रकार से बसंत में लोगों के जीवन में खुशहाली और रंगों के बाहर आती है, उसी तरीके से महाकालेश्वर मंदिर में भी यह उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. 
साथ ही महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित भूषण गुरु ने बताया कि जिस प्रकार से बसंत में लोगों के जीवन में खुशहाली और रंगों के बाहर आती है, उसी तरीके से भगवान महाकालेश्वर मंदिर में भी यह उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
पुजारी भूषण गुरु ने बताया कि प्राचीन काल से ही सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार से बसंत उत्सव की शुरुआत होती आई है. बसंत पंचमी के दौरान प्राकृतिक नजर भी बदल जाता है. जहां एक तरफ खेतों में हरियाली दिखाई देती है, वहीं दूसरी तरफ सरसों के फूल भी बसंत उत्सव के दौरान काफी महत्व रखते हैं.
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