मुरैना: मुरैना पुलिस अधीक्षक आसुतोष बाग़री एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार अधीक्षकमुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को लेकर सुर्खियों में है दरअसल पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी के पिता लालाजी बाग़री सरकारी शिक्षक है जबकि माता गृहणी हैं, दोनो इनकम टैक्स पेई है बाबजूद इसके तीर्थ दर्शन योजना का लाभ लेने से नही चुके और सरकारी खर्च पर तीर्थ यात्रा करने का आवेदन भर दिया। नाम और टिकट भी बन गई लेकिन सूची सार्वजनिक होते ही बबाल मच गया।
प्रशासन ने जांच की तो पति पत्नी अपात्र निकले। ऐसे में मुरैना पुलिस अधीक्षक के पिता लालजी बाग़री को जिला कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया हैं और तीर्थ दर्शन यात्रा की सूची से नाम भी हटवा दिया है
नियम के तहत दोनों तीर्थ दर्शन योजना के पात्र नही
सरकार की वृद्धजन के लिये शुरू की गयी तीर्थदर्शन योजना के तहत आज सतना जिले से 250 तीर्थ यात्री द्वारिकापुरी की यात्रा में जा रहे हैं। इन तीर्थ यात्रियों में से लालजी बाग़री और विद्द्या बाग़री निवासी पडरौत का नाम भी चयनित था। लालजी बाग़री मुरैना पुलिस अधीक्षक के पिता और विद्या बाग़री मां है। लालजी सहायक शिक्षक है जबकि माता गृहणी है। बता दे दोनों इनकम टैक्स पेई भी हैं। नियम के तहत दोनों तीर्थ दर्शन योजना के पात्र नही हैं। इसके बाबजूद दोनो ने फार्म भरा और जोर जुगाड़ लगा कर सूची में चयन कराया।
सहायक शिक्षक हैं पुलिस अधीक्षक के पिता
सूची सार्वजनिक होते ही मामला विवादों में आ गया। पुत्र की छीछालेदर होने लगी और जिला प्रशासन भी हरकत में आया। दोनो को अपात्र माना और इस मामले में सहायक शिक्षक लालजी बाग़री को बिना विभागीय अनुमति लिए तीर्थदर्शन जाने की कोशिश के आरोप में निलंबित भी कर दिया गया है। हालकि लालजी बाग़री की माने तो उन्हें यात्रा नहीं करनी थी इस लिए विभागीय अनुमति नहीं ली। फार्म उनके परिचित ने भरा और सिर्फ उन्होंने दस्तखत किए। फार्म में इनकम टैक्स पेई और सरकारी सेवक को अपात्र होने का कालम नहीं था न ही उनको नियम कायदों की जानकारी थी ।