मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए एक बड़ा एलान किया है। सीएम ने जिला पंचायत अध्यक्षों के मानदेय में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। अब जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 54 हजार से बढ़कर 1 लाख रुपए होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को जिला पंचायत अध्यक्षों के संघ के कार्यक्रम को समत्व भवन में संबोधित किया। यहां पर सीएम ने ऐलान किया कि राज्य शासन ने जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है। पद के अनुसार प्रोटोकॉल के विधिवत पालन के लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए जाएंगे।
जिला पंचायत अध्यक्षों के मानदेय और वाहन भत्ता आदि की राशि को बढ़ा कर एक लाख रूपये किया जाएगा। राष्ट्रीय पर्वों पर जहां मंत्री नहीं जाएंगे वहां जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा।
हम प्रदेश की प्रगति और जनता की सेवा के लिए समर्पित हैं- शिवराज
सीएम ने कहा कि 5 फरवरी से प्रदेश में आरंभ हो रही विकास यात्रा, राज्य के नव निर्माण और विकास को नई गति तथा विश्वास प्रदान करेगी। जिला पंचायत अध्यक्षों सहित सभी पंचायत प्रतिनिधि विकास और जन-कल्याण के इस अभियान में सहभागी हैं। हम प्रदेश की प्रगति और जनता की सेवा के लिए समर्पित हैं और जिला पंचायत अध्यक्ष जन-कल्याण के इस अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, अध्यक्ष जिला पंचायत सागर हीरा सिंह राजपूत, अध्यक्ष जिला पंचायत पन्ना मीना राज परमार सहित विभिन्न जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष उपस्थित थे।
विकास कार्यों के क्रियान्वयन में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं सशक्त माध्यम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-कल्याण की योजनाओं और विकास कार्यों के क्रियान्वयन में जिला पंचायत अध्यक्ष सशक्त माध्यम हैं, वे प्रदेश में विकास के कार्यों को भागीरथ बन कर आगे आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों तथा जन-कल्याण की गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष, सांसद, विधायक, जनपद अध्यक्ष तथा सरपंच के मध्य परस्पर समन्वय आवश्यक है। राज्य में पंचायत राज संस्थाओं को अधिक सशक्त बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्षों के साथ हर तीन माह में संवाद की व्यवस्था स्थापित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत अध्यक्ष संघ द्वारा उठाए गए बिन्दुओं, जिला पंचायत क्षेत्र में आने वाले विभागों में पदस्थ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण, स्वेच्छा विकास निधि, निर्माण कार्यों के अनुमोदन तथा 15वें वित्त आयोग एवं अन्य मदों की राशि में वृद्धि के संबंध में विचार कर निर्णय लेने की बात कही।
जिला पंचायत अध्यक्षों ने रखी यह मांगे
– जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्य मंत्री का दर्जा, अत: राज्य मंत्री स्तर का प्रोटोकाल दिया जाए, कलेक्टर उसका पालन करें।
– पहले की तरह जिला पंचायत अध्यक्षों को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की गोपनीय चरित्रावली में मतांकन का अधिकार दिया जाए।
– जिला पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विभागों में पदस्थ तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के स्थानांतरण से पहले जिला पंचायत अध्यक्षों से स्वीकृति ली जाए।
– जिला पंचायत अध्यक्षों का वेतन और वाहन भत्ता मिलाकर अभी 54,100 रुपए है, जिसे बढ़ाकर एक लाख रुपए प्रतिमाह किया जाए- जिला पंचायत अध्यक्षों को स्वेच्छा विकास निधि 25 लाख रुपए प्रति विधानसभा क्षेत्र के मान से दी जाए।
– पंचायत राज अधिनियम 1994 को पुन: यथावत लागू किया जाए।
– जिला पंचायत अध्यक्षों को सांसद-विधायक की भांति परिचय पत्र जारी किए जाएं।
– जिला पंचायत और मनरेगा के तहत होने वाले सभी निर्माण कार्यों के लिए जिला पंचायत अध्यक्षों से अनुमोदन लिया जाए।
– राष्ट्रीय पर्वों पर जिस जिले में मंत्रीगण नहीं पहुंच पाते, वहां जिला पंचायत अध्यक्षों से ध्वजारोहण कराया जाए।
– जिला पंचायत अध्यक्षों को जिला योजना समिति में पदेन सदस्य घोषित किया जाए।
– 11- गौण खनिज की राशि से स्वीकृत होने वाले विकास कार्यों की समिति में जिला पंचायत अध्यक्षों को शामिल किया जाए।
– 12- जिला पंचायतों को 15वें वित्त व अन्य मदों में जो राशि स्वीकृति की जाती है, उसमें कम से कम तीन गुना वृद्धि की जाए।
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