India News MP (इंडिया न्यूज), MP Dhar: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के धार भोजशाला में खुदाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अब भोजशाला परिसर में कोई खुदाई नहीं होगी। शीर्ष अदालत ने धार भोजशाला में वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि एएसआई सर्वे के बाद कोर्ट की इजाजत के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि सर्वे तो किया जाएगा जैसा ज्ञानवापी में हुआ था लेकिन खुदाई नहीं की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भौतिक उत्खनन जैसा कुछ भी नहीं होना चाहिए जिससे धार्मिक चरित्र बदल जाए। मुस्लिम पक्ष की याचिका पर SC ने सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। हिंदू पक्ष से चार हफ्ते में जवाब मांगा गया है। आपको बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है।
हिंदू समुदाय भोजशाला परिसर को वाग्देवी का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे हमेशा कमाल मौलाना की मस्जिद कहता रहा है। इस मामले में हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 11 मार्च को आदेश दिया था कि कोर्ट एक ही निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भोजशाला मंदिर-सह- का वैज्ञानिक सर्वेक्षण और अध्ययन कराना एएसआई की संवैधानिक और कानूनी जिम्मेदारी है। कमाल मौला मस्जिद परिसर जल्द से जल्द।
बता दें कि हिंदू पक्ष का कहना है कि धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद असल में मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है। इसका निर्माण राजा भोज ने 1034 ई. में संस्कृत के अध्ययन के लिए करवाया था। लेकिन बाद में मुगल आक्रमणकारियों ने इसे ध्वस्त कर दिया। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इस परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हाई कोर्ट में आवेदन किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था।
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