India News MP ( इंडिया न्यूज) MP Education: मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के रिजल्ट पर विशेष ध्यान दे रहा है। अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कमजोर विद्यार्थियों के लिए अलग से कक्षाएं लगाई जाएंगी। जानकारी के मुताबिक स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षा की गुणवत्ता और परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए यह प्रयोग कर रहा है। इसके लिए प्रदेश भर के दो हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों के एक लाख 11 हजार विद्यार्थियों को चिन्हित किया गया।
गौरतलब है कि एमपी बोर्ड का 10वीं का रिजल्ट पिछले छह सालों में इस साल सबसे खराब रहा था। जिसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने 10वीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट सुधारने के लिए कक्षा नौवीं से ही जोर देना शुरू कर दिया है। इसके तहत अब उन स्कूलों में सुपर सेक्शन बनाया जाएगा जहां 30 से ज्यादा विद्यार्थी फेल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक इस साल 10वीं के रिजल्ट 58.10 प्रतिशत रहे हैं। साथ ही इस साल से बेस्ट ऑफ फाइव योजना को भी खत्म कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, कक्षाओं में अलग से सुपर सेक्शन बनाया जाएगा साथ ही अलग से शिक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे।
कमजोर विद्यार्थियों का साप्ताहिक और मासिक टेस्ट भी होगा। और मूल्यांकन के बाद कमियों को दूर करने पर फोकस किया जाएगा। गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग राज्य ओपन बोर्ड के साथ मिलकर काम करेगा। उनके लिए ओपन स्कूल चलाया जाएगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं कक्षा का रिजल्ट बेहतर करना है।