India News (इंडिया न्यूज़), MP Election 2023: मध्य प्रदेश में सत्ता के लिए पार्टियां चुनाव प्रचार में जूटी हुई है। ऐसे में सत्ता के समीकरण साधने के लिए कांग्रेस जाति आधारित गणना के मुद्दे को लाई है। कांग्रेस ने अपने सभी अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओं को जिम्मा भी दिया है कि वे यह बात लोगों को बताएं कि जाति आधारित गणना उनके लिए कितनी जरूरी है। और इससे लाभ भी होगा। इस वजह से बिहार का उदाहरण भी सामने रखें ताकि बात प्रमाणिक हो।
बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीट में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां ओबीसी निर्णायक भूमिका में हैं। बस यही वजह है कि पार्टी ने इस बार 64 प्रत्याशी ओबीसी है। कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने के बाद जाति आधारित गणना कराने की गारंटी दी है। साथ ही दावा किया है कि पहले जिन गारंटियों के आदेश जारी होंगे, उसमें यह शामिल होगी। इसके पीछे का उद्देश्य अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटर्स को साधने का है।
2018 के चुनाव में भी कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों में OBC आरक्षण बढ़ाने का दांव खेला था। कमल नाथ की सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था। हालांकि ये अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हुआ है। OBC वर्ग से आने वाले राजमणि पटेल को राज्य सभा भी विंध्य क्षेत्र के ओबीसी वर्ग को संदेश देने के लिए ही भेजा गया था।
साथ ही बता दें कि कांग्रेस का 2018 के विधानसभा चुनाव में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन विंध्य अंचल में था। दोबारा ये स्थिति न बने, इस वजह से सिहावल से विधायक और पार्टी प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल को आगे बढ़ाया गया है। सतना जिले से विधायक और प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा को पार्टी के ओबीसी विभाग का अध्यक्ष बनाया है और पूरे समाज को संदेश देने का काम किया है।
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