मध्यप्रदेश: घर में मातम पसरा हो,पिता की मौत रात में हो गई हो और इकलौते बेटे को सुबह 12 वीं का एग्जाम देना हो तो बड़े ज़िगर वाला बेटा भी हौसला तोड़ दे। लेकिन देवेन्द्र ने हिम्मत नहीं तोड़ी और परीक्षा केंद्र जाकर हिंदी का पेपर दिया। घर में मातम के बावजूद देवेन्द्र ने निर्णय लिया कि पहले वह पेपर देगा। उसके बाद पिता का अंतिम संस्कार करेगा। पिता की देह घर में रखी रही और बेटे देवेन्द्र ने सुबह परीक्षा केंद्र पहुंचकर अपना पेपर दिया। इसके बाद घर आकर पिता की अर्थी को कंधा देकर पिता को मुखाग्नि दी। यह घटना देवास शहर की है।
हार्ट अटैक से हो गई थी पिता की मृत्यु
अपनी शिक्षा के साथ बेटे होने का फ़र्ज़ निभाने वाले बेहद साहसी 12 वीं के छात्र देवेन्द्र को आज हर कोई सलाम कर रहा है। दरअसल, देवास शहर के आवास नगर में रहने वाले नगर निगम कर्मचारी जगदीश सोलंकी की बीती रात हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। देवेन्द्र रातभर अपने पिता के शव के पास बैठा रहा। अगले दिन सुबह यानी आज उसका बोर्ड एग्जाम का पेपर था।
देवेन्द्र के इस जज़्बे को देख हर कोई हैरान
4 बहनों में सबसे छोटा इकलौता भाई 12 वीं गणित संकाय के छात्र देवेन्द्र ने शिक्षा के महत्व के साथ ही पुत्र होने का धर्म भी बखूबी निभाया और समाज को एक संदेश दिया। देवेन्द्र के इस जज़्बे को देख और सुनकर हर कोई हैरान है। हर कोई उसके हौसले की प्रशंसा कर रहा है। और दुःख की इस घड़ी में उसके साथ खड़ा है।