India News (इंडिया न्यूज़), MP Government: मध्यप्रदेश के राज्य कर्मचारियों की 4% महंगाई भत्ते को देने की मांग लंबे समय से पेंडिंग बनी हुई है, कर्मचारियों में इसे लेकर मोहन यादव सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान ने महंगाई भत्ता देने का वादा किया था, फाइल को मुख्य सचिव तक पहुंचाया भी था लेकिन उस समय चनाव आयोग ने आचार संहिता का हवाला देकर मामले को रोक दिया था लेकिन अब चुनाव के बाद भी मांग पूरी होते न देख राज्य कर्मचारियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
मध्य प्रदेश कर्मचारियों को 4% महंगाई भत्ता दिए जाने की फाइल 2 बार मुख्य सचिव तक पहुंची लेकिन मुख्य सचिव वीरा राणा ने दोनों बार फाइल को लौटा दिया, ऐसे में अब मोहन सरकार के वरिष्ठ अधिकारी संकेत भी दे रहे हैं कि फिलहाल कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता मिलने की उम्मीद दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है।
मोहन सरकार की इस लेट लतीफी के कारण प्रदेश सरकार के 12 लाख कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं, यदि इन 12 लाख कर्मचारियों को 4% महंगाई भत्ता मिल जाता है तो कर्मचारियों को उनके वेतन में 2 से 10 हजार रुपए की बढ़ोत्तरी हो जाती, लेकिन ऐसा हो न सका, जबकि जो IAS और IPS अफसर हैं, उनका महंगाई भत्ता जरूर बढ़ चुका है, कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों को लुभाने मध्यप्रदेश सरकार ने जो बड़े-बड़े वादे किए थे, उसे लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है, कर्मचारी संगठनों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि जल्द ही इस मामले में सरकार निर्णय नहीं लेती है तो कर्मचारी संगठन आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।
Read More: