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MP: माला मौसी ने सचिव को दी गालियां, कहा- रगड़-रगड़ मारुंगी, शिकायत करने थाना पहुंचे सचिव

• LAST UPDATED : December 30, 2022

MP: मध्यप्रदेश के कटनी की जिला पंचायत सदस्य माला मौसी मजदूरों को मजदूरी कम दिए जाने की जानकारी मिलने पर भड़क गई। जिसके चलते उन्होंने कैना ग्राम पंचायत सचिव को अपशब्द कहे। उन्होंने गालियां देते हुए यहां तक कह दिया, कि मैं रगड़-रगड़ कर मारुंगी। जिपं सदस्य रीठी जनपद पंचायत क्षेत्र के कैना गांव में तालाब गहरीकरण कार्य का निरीक्षण करने पहुंची थी। इसी दौरान पूरा वाक्या हुआ। जिसका एक वीडियो अब सोशल मिडिया में जमकर वायरल हो रहा है।

वीडियो सामने आने के बाद पंचायतों के सभी सचिव आक्रोशित हो गए। वीडियो वायरल होने के बाद रीठी क्षेत्र के सचिव व ग्राम रोजगार सहायक गुरुवार की सुबह रीठी थाने पहुंच गए और उन्होंने माला मौसी के खिलाफ शिकायत दी। वहीं मामले को लेकर सचिव व रोजगार सहायकों ने तहसीलदार और जनपद सीइओ को भी ज्ञापन सौंपा है।

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इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। जनपद पंचायत क्षेत्र के सभी सचिवों ने तहसीलदार को एक ज्ञापन भी सौंपा। इसमें जिला पंचायत सदस्यों ने भी माला मौसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

वायरल वीडियो 24 दिसंबर का बताया जा रहा है। दरअसल, कैना गांव में तालाब गहरीकरण कार्य का निरीक्षण करने जिला पंचायत सदस्य वहां पर पहुंची। तालाब के पास महिला और पुरुष मजदूरों से उन्होंने मजदूरी की जानकारी ली। माला मौसी ने मजदूरों को बताया कि महिलाओं को 200 और बेलदारों को 250 रुपए मिलता है। इस बीच मजदूरों ने जिला पंचायत सदस्य को बताया कि सचिव 150 रुपए देता है। इसी बात पर जिला पंचायत सदस्य भड़क गई।

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दूसरी तरफ सचिव संगठन का कहना है, कि जिला पंचायत सदस्य माला मौसी ने सचिव के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। साथ ही अपने साथी से वीडियो बनवाकर उसे सोशल मीडिया में वायरल कराया, जिससे सचिव के सम्मान को ठेस पहुंची है। सचिवों ने मामले में कार्रवाई न होने पर हड़ताल करने की भी चेतावनी दी है। जिसके चलते थाना प्रभारी ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

गौरतलब है कि मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ खड़ा होना एक सराहनीय कार्य है। उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाना, मजदूरों की समस्याओं को सुनना, उनकी मदद करने की कोशिश करना अच्छी बात है, लेकिन किसी प्रतिष्ठित पद पर बैठ कर किसी व्यक्ति को अपशब्द कहना उतना ही बुरा है। जिला पंचायत सदस्य को शोभा नहीं देता कि वह अमर्यादित भाषा का प्रयोग करे। जिसके लिए माला मौसी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए परंतु इस मामले में कार्रवाई सचिव के खिलाफ भी होनी चाहिए, क्योंकि मजदूरों के साथ अन्याय करना, उनकी मेहनत का पैसा उन्हें ना देना भी अपराध की श्रेणी में ही आता है।

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