MP NEWS: मांडू में रानी रूपमति महल को लोग देखने जा रहे है बता दे महल नीला नजर आ रहा है,जिसकी वजह से महल की खुबसुरती में चार चांद लग गया है। रात में नीली रोशनी में यह महल बेहद खूबसुरत नजर आ रहा है। यह पहला मौका है जब यूनिसेफ के आव्हान पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस महल को गो ब्लू थीम पर बच्चों के अधिकारों के समर्थन में ब्लू किया। विश्व बाल दिवस हर साल 20 नवंबर मनाया जाता है। इस मौके पर पहली बार रानी रूपमति महल पर नीले रंग की रोशनी की गई।
बता दे कि बच्चों के लिए प्रतिबद्धता दिखाने के लिए प्रदेश की कई इमारतों को नीला किया गया है। यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने बताया कि विश्व बाल दिवस के मौके पर दो दिनों के लिए पर्यटन विभाग ने प्रदेश की 70 बिल्डिंगों पर नीले रंग की रोशनी की थी। पहली बार पुरातत्व विभाग ने रूपमति महल को ब्लू किया। ऊंचाई पर होने के कारण दूर से ही नीले रंग की रोशनी में नहाया महल बच्चों के अधिकारों के लिए समर्थन दे रहा था।
इस महल को बाजबहादूर ने मांडू में रानी रूपमति के लिए बनवाया था। कहा जाता है कि रूपमति सुबह उठकर नर्मदा नदी के दर्शन करती थी और फिर अन्न ग्रहण करती थी। इस नदी से नर्मदा नदी दिखाई देती है।
मांडू में सबसे ऊंचाई पर बने इस महल से निमाड़ नजर आता है। रूपमति इस महल में गीत गाती थी और उसकी आवाज के महलों तक गूंजती थी।