India News MP (इंडिया न्यूज), MP News: कूनो नेशनल पार्क से निकली मादा चीता वीरा बीते 10 दिन से मुरैना के जंगलाें में विचरण कर रही है, जो अब रिहायशी बस्ती के पास भी पहुंचने लगी है। जंगल से निकलकर चीता ग्रामीणाें के पालतू पशुओं का शिकार कर रही है, इस कारण जौरा क्षेत्र के कुछ गांवों में चीते के कारण ग्रामीण भी डरे-सहमे हुए हैं।
गौरतलब है कि करीब 15 दिन पहले मादा चीता वीरा और नर चीता पवन कूनो से बाहर निकल गए थे। 27 अप्रैल को इन दोनों की लोकेशन पहाड़गढ़ के ईश्वरा महादेव के जंगलों में मिली। तीन दिन बाद नर चीता पवन तो लौटकर कूनो में पहुंच गया, लेकिन मादा चीता वीरा पहाड़गढ़ से आगे निकलकर धानाकुंआ, चांचुल होते हुए जौरा के पगारा के जंगल तक आ गई। तीन दिन पहले वीरा को कुंगरपुर गांव के बाहर देखा गया। दो दिन पहले चीता काशीपुर गांव के पास और फिर शीतला माता मंदिर के पास जंगल में घूमता हुआ दिखा।
अब यह चीता नरहेला क्षेत्र के डगियापुरा के पास और गांव के हनुमान मंदिर से महज 500 मीटर दूर तक आ गया है। बीते 2 दिन में मादा चीता ने ग्रामीणों की एक बकरा व एक बकरी का शिकार कर लिया है। इससे पहले पहाड़गढ़ के जंगल में चीता ने नीलगाय का शिकार किया था। गांवों के पास पहुंची वीरा सुनसान स्थान पर दोपहरी में छांव में आराम करते और सुबह-शाम के समय विचरण करते हुए दिखाई दे रही है।
मादा चीता वीरा जब से कूनों से बाहर निकलकर मुरैना जिले के जंगलों में आई है, तभी से वन विभाग की एक विशेष टीम उस पर निगरानी रखे हुए है। इस टीम में बदल-बदकल पांच से छह कर्मचारी हैं, जो दिन-रात चीता पर नजर रखे हुए हैं। जहां भी यह चीता जा रहा है, वहां यह टीम पीछे-पीछे पहुंच रही है। दो दिन से चीता रिहायशी बस्ती के आसपास आ गया है, पालतू मवेशियों का शिकार भी किया है। इस कारण कहीं कोई ग्रामीण या अन्य चीता पर हमला न कर दे, या उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करे, इसके लिए वन विभाग की टीम गांवों में लोगों को समझाइश भी दे रही है। गांवों में अपील की जा रही है कि कोई भी चीता के पास न जाए उसे नुकसान न पहुंचाएं। ग्रामीणाें को भयमुक्त करने के लिए यह भी बताया जा रहा है, कि चीता किसी इंसान पर हमला नहीं करते। वन विभाग की टीम इस प्रयास में है कि बिना रेस्क्यू के मादा चीता खुद ही कूनो लौट जाए।
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