India News MP (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है। पिछली सरकार ने उनसे जो वादे किये थे वो आज भी कैसे पूरे नहीं हो पा रहे हैं, कई जगहों पर तो कई महीनों से तो कई जगहों पर तो एक साल से भी अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। यही कारण है कि अब इन शिक्षकों को अपने हक के लिए प्रशासन का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, प्रशासन भी नहीं सुन रहा तो वे उनसे भिड़ने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं।
छिंदवाड़ा स्काउट गाइड द्वारा आयोजित पक्षियों को पानी पिलाने के कार्यक्रम के लिए कलेक्टर शीलेंद्र सिंह कलेक्टर परिसर छिंदवाड़ा में अपने केबिन से बाहर आ रहे थे। तभी कलेक्टोरेट परिसर के गेट के बाहर जुन्नारदेव से आए अतिथि शिक्षकों के एक समूह ने पिछले 10 माह से वेतन न मिलने पर कलेक्टर छिंदवाड़ा को आवेदन दिया।
कलेक्टर का जवाब सुनते ही एक महिला शिक्षक नाराज हो गईं और छिंदवाड़ा कलेक्टर से बहस करने लगीं। महिला ने आत्महत्या की भी चेतावनी दी। उक्त महिला का नाम ममता परसाई मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल, हड़ली बताया गया है। जो जुन्नारदेव में अतिथि शिक्षक के पद पर पदस्थ है। परिसर में मौजूद महिला पुलिसकर्मी द्वारा उक्त महिलाओं को वहां से हटाकर अंदर ले जाया गया। साथ आए अन्य शिक्षकों ने कहा कि हम पिछले 10 माह से अपने वेतन को लेकर परेशान हैं।
ना तो कोई हमारी बात सुन रहा है और ना ही सुनने को तैयार है। पिछली सरकार में वेतन बढ़ाने की बात हुई थी, लेकिन यहां बढ़ा हुआ वेतन पुराने वेतन के बराबर नहीं है। महिला बताती है कि कल आखिरी कार्य दिवस है। फिर भी वेतन दिलाने के संबंध में अब तक न तो हमारे अधिकारियों द्वारा और न ही कलेक्टर द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर दिया गया है। ऐसे में हम कहां जाएं?
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