India News MP (इंडिया न्यूज़), MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महिला की शिकायत पर एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि दोनों अपनी “अपनी मर्जी” से 10 साल से अधिक समय से रिश्ते में थे। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी ने 2 जुलाई को आदेश में यह भी कहा कि यह मामला कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग प्रतीत होता है।
उस व्यक्ति पर नवंबर 2021 में कटनी जिले के महिला थाना पुलिस स्टेशन में बलात्कार और अन्य आरोपों के लिए मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद उस व्यक्ति ने राहत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया।
हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, महिला और पुरुष दोनो शिक्षित हैं और 10 साल से अधिक समय से अपनी “अपनी मर्जी” से शारीरिक संबंध बना रहे थे। इसमें कहा गया है कि जब आदमी ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया तो उनका रिश्ता टूट गया। अदालत ने कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि याचिकाकर्ता (पुरुष) के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया जा सकता है।
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हाई कोर्ट के जज ने कहा, “मेरी राय में, वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार, जैसा कि अभियोजक (महिला) ने अपनी शिकायत में और 164 CrPC के अपने बयान में बताया है, इस मामले को धारा 375 के तहत परिभाषित बलात्कार का मामला नहीं माना जा सकता है। इस मामले में महिला भारतीय दंड संहिता का दुरुपयोग कर रही है।
अदालत ने यह भी कहा “इस मामले में आईपीसी की धारा 366 (महिला को शादी के लिए मजबूर करना) भी व्यक्ति के खिलाफ नहीं बनती। इसलिए, बाद में याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज आईपीसी की धारा 366 के तहत अपराध भी रद्द किए जाने योग्य है।”
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