देवास: पूर्व में चिटफंड कंपनियों द्वारा की गई ठगी के विरोध में आज निवेशक व कई एजेंट देवास कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और उन्होंने कलेक्टर ऋषव गुप्ता से उक्त कंपनियों की संपत्ति नीलामी करके निवेशकों की राशि भुगतान करने की बात कही।
निवेशकों ने बताया कि पूर्व में देवास जिले में करीब 40 मल्टीस्टेट ठग कंपनियों व सोसायटी ने देवास जिले व मप्र के लाखों नागरिकों को धोखाधड़ी से ठगा है और राज्य व केन्द्रीय अधिनियमों का उल्लंघन करते हुए करोड़ों रुपए की ठगी की है। ऐसी कंपनियों की संपत्ति नीलाम कर सीधे साधे गरीब लोगों को उनकी राशि भुगतान की जाए। इन चिटफंड कंपनियों में जीएन डेरिज,जीएन गोल्ड ग्रुप,जी लाईफ इंडिया ग्रुप, मालवांचल यूएसके ग्रुप,पीएन रियल स्टेट,सहारा इंडिया,बीएन गोल्ड आदि करीब 40 कपंनिया शामिल है जिन्होंने ठगी की है। इन कंपनियों द्वारा करीब 5 लाख लोगों से ठगी की गई है।
ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार संगठन के राष्ट्रीय संयोजक मदनलाल आजाद ने बताया कि हमारी मांगे थी कि देवास जिले के ठगी पीड़ित उन सब का भुगतान किया जाए। कलेक्टर साहब से हमारी बात हुई है। उन्होंने कहा है कि जिन कंपनियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश हो गए नीलामी के उनकी नीलामी की प्रोसेस शुरू करने की बात कलेक्टर साहब ने की है। अनुपातित स्तर से जो पैसा आता है। उनकी एक फाइनल लिस्ट तैयार करके सब का पैसा जल्दी वापस करने की बात कही।
निवेशकों ने बताया कि मामले में पुलिस द्वारा कई कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी व ठगी के प्रकरण दर्ज कर विशेष न्यायालय में प्रकरण विचारधीन है। कई कंपनियों की संपत्ति नीलामी के आदेश पारित कर दिए है जिसका पालन करने का कार्य शासन प्रशासन का है जो आज तक नहीं हो पाया है।
मामले में मीडिया से बातचीत में कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने कहा कि देवास में पूर्व में कुछ कंपनियों में निवेशकों ने पैसे लगाए थे। वह कंपनियां बंद हो गई और निवेशकों का पैसा डूब गया। उसके अंतर्गत सिविल न्यायालय में कार्रवाई हुई। पांच कंपनियों के विरुद्ध संपत्तियों के नीलामी के आदेश भी जारी हुए। इसके साथ ही वह कपंनिया जिसमें निवेशकों ने निवेश किया उनकी लिस्ट भी फाइनल करनी है। इन दोनों बिंदूओं की मांगों लेकर लोग आए थे। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि यह कार्रवाई जल्द से जल्द न्यायपूर्ण की जाएगी।