India News MP (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने करीब 45 हजार नर्सिंग स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने राज्य के सभी नर्सिंग कॉलेजों के उन छात्रों को भी परीक्षा देने की अनुमति दे दी है, जो सीबीआई जांच में कमजोर हैं यानी अयोग्य हैं और निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं।
हाई कोर्ट के इस राहत भरे आदेश के बाद ये छात्र सत्र 2022-23 के लिए जल्द होने वाली परीक्षा में भाग ले सकेंगे। इस मामले में याचिकाकर्ता वकील विशाल बघेल के मुताबिक 11 मार्च को हुई सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने विस्तृत आदेश जारी किया है।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता विशाल बघेल ने बताया कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश से प्रदेश के करीब 45 हजार नर्सिंग छात्रों को राहत मिलेगी, जो सीबीआई द्वारा अपात्र पाए गए कॉलेजों में पढ़ रहे थे। अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च को तय की गई है।
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के खिलाफ मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की ओर से याचिका दायर करने वाले वकील विशाल बघेल ने कहा कि हाई कोर्ट ने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपने आदेश में संशोधन किया है। हाईकोर्ट ने निर्धारित मापदंड पूरा नहीं करने वाले इन अयोग्य कॉलेज छात्रों को केवल एक बार परीक्षा में बैठने का मौका देकर बड़ी राहत दी है।
आपको बता दें कि हाल ही में करीब चार साल बाद मध्य प्रदेश मेडिकल साइंसेज यूनिवर्सिटी, जबलपुर ने मध्य प्रदेश के नर्सिंग छात्रों की परीक्षा का टाइम टेबल जारी किया था। हालांकि, पहले परीक्षाएं केवल उन्हीं नर्सिंग कॉलेजों के लिए होनी थीं जो सीबीआई की जांच रिपोर्ट में सही पाए गए थे। HC के आदेश के बाद मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर ने सीबीआई जांच में दोषी पाए गए लगभग 169 कॉलेज छात्रों के लिए परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा की थी।
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