India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश में बीते सोमवार को कैबिनेट का विस्तार हुआ है। रतलाम सीट से बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री चेतन्य कश्यप की प्रदेश की राजनीति के गलियारों में काफी चर्चा हो रही है। चेतन्य कश्यप वेतन भत्ता न लेने वाले प्रदेश के इकलौते विधायक और मंत्री हैं। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बड़ा बयान दिया है। साथ ही प्रदेश के अन्य विधायकों और मंत्री को सलाह दी है।
उमा भारती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा हाल ही में मंत्री बने और रतलाम के एक संपन्न जैन व्यवसायी चेतन्य काश्यप ने अपनी संपत्ति 296 करोड़ घोषित की है। अभी कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के अखबारों में उनकी तारीफ लिखी थी कि वह अपना विधायकी का वेतन नहीं लेते, जो कि सालभर का करीब 12 लाख रुपए होता है। 296 करोड़ वाला व्यक्ति अगर सरकार के 12 लाख छोड़ देता है तो इसमें कौन-सी बड़ी बात है?’
1) हाल ही में मंत्री बने तथा रतलाम के एक संपन्न जैन व्यवसायी चेतन कश्यप ने अपनी संपत्ति 296 करोड़ घोषित की हैं । अभी कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश के अखबारों में उनकी तारीफ़ लिखी थी की वो अपना विधायक का वेतन नहीं लेते जो की साल भर का क़रीब 12 लाख होता हैं । 296 करोड़ वाला व्यक्ति अगर…
— Uma Bharti (@umasribharti) December 27, 2023
उन्होंने आगे लिखा कि ‘चेतन्य कश्यप सरकार को वेतन वापस करने की जगह वो राशि अभावग्रस्त लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करनी चाहिए। हमें यह याद रखना पड़ेगा कि सभी विधायक बड़े व्यवसायी नहीं होते और न वो राजनीति से अपना व्यवसाय बढ़ाते हैं। आगे कहा एक बार सांसद वरुण गांधी ने भी कहा था कि सांसदों को वेतन और पेंशन नहीं लेना चाहिए। वरुण गांधी ऐसा कर सकते हैं क्योंकि वो हजारों करोड़ों की पैतृक संपत्ति के मालिक हैं। अपना सर्वस्व त्यागकर राजनीति के माध्यम से जनसेवा करने वाले जनप्रतिनिधियों को हर तरह की सहूलियत सरकार से मिलनी चाहिए। ‘
1) जो मुझे आशंका थी वही हुआ । कुछ लोगों ने मेरी बातों का ग़लत मतलब निकाल ही लिया । लोकतंत्र में अमीर हो ग़रीब, सबको सांसद या विधायक होने का अधिकार है ।
2) स्वयं मैं जब आठ वर्ष की थी तब से आज तक मैंने सुविधा संपन्न जीवन जिया है । मैं सरकार से प्राप्त सुविधाओं का पात्रता एवं…
— Uma Bharti (@umasribharti) December 27, 2023
पूर्व सीएम ने आगे लिखा कि कुछ लोगों ने मेरी इन बातों का गलत मतलब निकाल लिया, तो मैं उन्हें कहना चाहती हूं, ‘लोकतंत्र में अमीर हो गरीब, सबको सांसद या विधायक होने का अधिकार है। चेतन्य कश्यप और वरुण गांधी अपना वेतन नहीं लेते यह ठीक बात है, लेकिन जिन जनप्रतिनिधियों का जीवन यापन और अतिथि सेवा इन्हीं सुविधाओं से होती है वह खुद को छोटा अनुभव करेंगे जब की ऐसा नहीं है। सब बराबर हैं, जनता सबको वोट देती है।’
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