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MP News: रीवा से अयोध्या भेजा जाएगा विश्व का सबसे बड़ा नगाड़ा, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

• LAST UPDATED : March 8, 2024

India News(इंडिया न्यूज़),MP News: प्रदेश के रीवा जिले में इस बार महाशिवरात्रि का पर्व बेहद खास होने वाला है। यहां दुनिया का सबसे बड़ा ड्रम बनकर तैयार है। नगाडे का वेट करीब 1 टन है और इसकी ऊंचाई 6 फीट है। इसकी चौड़ाई 11 फीट है। यह अपने आप में अनोखा दिखता है। यह ड्रम अयोध्या के भगवान श्री राम को समर्पित होगा। साथ ही यहां एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहा है।

दुनिया का सबसे बड़ा ड्रम एक बड़ी कड़ाहे की सरंचना में तैयार किया गया है। इसलिए ये अपने आप में अनोखा दिखता है। ये नगाड़ा 8 मार्च को महाशिवरात्रि के त्योहार पर पूजा-अर्चना होने के बाद अयोध्या भेजा जाएगा।

नगाड़े का वजन करीब 1 टन 

बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा ड्रम 101 गाड़ियों के साथ 12 मार्च को अयोध्या के लिए रवाना होगा। रीवा से अयोध्या तक मार्ग में कुल 108 स्थानों पर श्रद्धालु इसका भव्य स्वागत करेंगे। यह यात्रा मनगवां, चाकघाट से नेशनल हाईवे होते हुए प्रयागराज पहुंचेगी। यह 13 मार्च को अयोध्या धाम पहुंचेगी। पूजन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा ढोल भगवान राम के चरणों में समर्पित किया जाएगा।

एशिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड

पिछले साल भी महाशिवरात्रि के दौरान रीवा में एक रिकॉर्ड दर्ज किया गया था. इसमें 1100 किलो की कड़ाही में 5100 किलो का महाप्रसाद बनाया गया था, जो एशिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड माना गया. अब इस तवे पर बनारस और रीवा के कलाकारों ने मिलकर काम किया है और इसे ड्रम में तब्दील कर दिया है.

विश्व का सबसे बड़ा रिकॅार्ड

गिनीज बुक, एशिया बुक और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम आयरन पर पहुंची। लोहे को लकड़ी और चमड़े से ढक दिया गया है, ताकि यह सुंदर दिखे और सुखद ध्वनि भी उत्पन्न कर सके। बनने के बाद अब इसका वजन करीब 1 टन और ऊंचाई 6 फीट हो गई है। वहीं इसकी चौड़ाई 11 फीट है। इसे सबसे बड़े ड्रम के विश्व रिकॉर्ड के लिए नामांकित किया जाएगा। गिनीज बुक, एशिया बुक और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम पहुंच चुकी है।

रीवा का है धार्मिक महत्व 

जिस स्थान पर ढोल बनाया गया उसका भी धार्मिक महत्व है। पचमथा के जिस स्थान पर यह ढोल बना था, उसका भी धार्मिक इतिहास है। ऐसा माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने यहां पांचवें मठ की स्थापना की थी। इसे पचमठा के नाम से जाना जाता है। पहले यहां शिव उपासक तैयार होते थे। यहां 40 साल से महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। आयोजक प्रतीक ने बताया कि यहां शिव और माता पार्वती के विवाह का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा आकर्षक झांकियां निकाली जाएंगी और भव्य भंडारा का आयोजन किया जाएगा।

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