India News(इंडिया न्यूज़), MP Politics: मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सीएम कमलनाथ के खिलाफ कांग्रेस नेता आलोक शर्मा द्वारा की गई बयानबाजी पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने नोटिस जारी कर दिया है। कमलनाथ के खिलाफ राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी पर MP कांग्रेस कमेटी ने विरोध किया है। पूर्व सीएम कमलनाथ के खिलाफ अनर्गल, आधारहीन, आपत्तिजनक और अमर्यादित बयानबाज़ी को लेकर आलोक शर्मा को पार्टी की तरफ से नोटिस जारी किया है। जवाब देने के लिए 2 दिन का समय दिया है।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आलोक शर्मा की ड्यूटी भोपाल और जबलपुर में लगाई गई थी। इस दौरान उन्होंने चुनाव तैयारी को करीब से देखा था। अनौपचारिक चर्चा में कई बार उन्होंने पार्टी की रणनीति पर सवाल उठाए थे।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से सोशल मीडिया X पर आलोक शर्मा को एआईसीसी द्वारा भेजे नोटिस की कॉपी को पोस्ट करते हुए कहा गया है,”मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के विरूद्ध अनर्गल, आधारहीन, आपत्तिजनक और अमर्यादित बयानबाज़ी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा को नोटिस जारी किया गया है. एआईसीसी ने प्रवक्ता आलोक शर्मा के बयान को अनाधिकृत, आधारहीन, अपमानजनक और पार्टी एवं नेतृत्व को कमजोर करने का घृणित प्रयास बताया है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के विरूद्ध अनर्गल, आधारहीन, आपत्तिजनक और अमर्यादित बयानबाज़ी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा को नोटिस जारी किया गया है।
एआईसीसी ने प्रवक्ता आलोक शर्मा के बयान को अनाधिकृत, आधारहीन, अपमानजनक और पार्टी एवं… pic.twitter.com/YGPYxzEw8L
— MP Congress (@INCMP) January 18, 2024
बता दें कि पार्टी के मीडिया सलाहकार पवन खेड़ा के तरफ से जारी नोटिस में कहा है कि महासचिव संचार के निर्देशानुसार, आलोक शर्मा प्राइम-टाइम समाचार बहसों में राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट के रूप में कार्य करते हुए दिए गए आपके बयानों के संबंध में सूचित किया जा रहा है। आगे कहा आपके बयानों की रिकॉर्डिंग निम्नलिखित वीडियो लिंक पर देखी जा सकती है। आप जैसे सीनियर पदाधिकारी की ओर से आने वाले ये बयान न केवल अनधिकृत, निराधार हैं, बल्कि पार्टी और आपके वरिष्ठ को कमजोर करने का प्रयास को भी दर्शाते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य होने के नाते, आप जानते हैं कि पार्टी अनुशासन अत्यंत पवित्र है और इसके किसी भी उल्लंघन के गंभीर परिणाम होते हैं। आपको यह नोटिस दिया जाता है और अपने बयानों पर स्पष्टीकरण देने के लिए इस नोटिस की प्राप्ति से 2 दिन का समय दिया जाता है। अगर स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं हुआ या असंतोषजनक है, तो आपके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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