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MP Politics: चुनावी मौसम में BSP ने बदला नारा, अब पार्टी करेगी इस तरह की राजनीति?

• LAST UPDATED : April 15, 2024

India News MP (इंडिया न्यूज), MP Politics:  प्रदेश की राजनीति में तीसरे मोर्चे के तौर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुकी बसपा नए मूलमंत्र के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। बीएसपी ने 17 साल बाद अपनी टैग लाइन बदली है। बसपा अपने पुराने नारे पर लौट आई है।

कांशीराम ने दिया था आदर्श वाक्य

साल 1984 में स्थापित हुई बसपा पार्टी के संस्थापक कांशीराम ने पार्टी का आदर्श वाक्य दिया था – “बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय।” पार्टी सुप्रीमो बनने के बाद 2007 में मायावती ने टैग लाइन बदल दी। सबको साथ लेकर चलने के इरादे से उन्होंने बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय को बदलकर सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय कर दिया। बहुजन समाज पार्टी को उम्मीद थी कि सभी लोग इस मूलमंत्र का समर्थन करेंगे। बसपा इसी आदर्श वाक्य या टैग लाइन के आधार पर मध्य प्रदेश में भी राजनीति करती रही है।

धीरे -धीरे बसपा का गिरा ग्राफ

बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती की इसी मंशा पर 2007 के चुनाव में यूपी की राजनीति में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। फिर बाद में बसपा का ग्राफ धीरे-धीरे गिरने लगा। इसी मूलमंत्र के चलते पार्टी में बहुजन को तवज्जो नहीं मिली और सभी ने पार्टी छोड़ दी। इस तरह बसपा का ग्राफ लगातार गिरता गया। बसपा ने अपनी सियासी धार तेज करने के लिए एक बार फिर पार्टी की टैग लाइन या ध्येय वाक्य बदल दिया है।

बसपा ने बदली टैग लाइन 

दो दिन पहले ही बीएसपी ने अपना आदर्श वाक्य या टैग लाइन बदल दी है। पार्टी अब पुराने आदर्श वाक्य “बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय” पर लौट आई है। इस आदर्श वाक्य में बदलाव के पीछे मंशा साफ नजर आ रही है कि पार्टी अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की राजनीति में वापसी करेगी।

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