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MP Politics: कांग्रेस ने अपनाया PM मोदी का फॉर्मूला, पार्टी करेंगी युवाओं पर फोकस

• LAST UPDATED : September 29, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), MP Politics: 25 सितंबर को पीएम मोदी मध्य प्रदेश पहुंचे थे। पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में पहली बार अपने संबोधन में वोट करने वाले युवाओं को लेकर जिक्र किया था। ठीक इसके दूसरे ही दिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने ‘फर्स्ट वोट फ़ॉर कांग्रेस’ अभियान शुरू कर दिया।

मोदी ने जिक्र किया कमलनाथ ने किया अमल

2018 के विधानसभा चुनावों में धोखा खा चुकी कांग्रेस 2023 में सतर्क नजर आ रही है। एक तरफ भाजपा नई-नई योजनाओं और महिलाओं वोटर्स के दम पर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने का दम भर रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने जीत हासिल करने के लिए पीएम मोदी का ही फॉर्मूला अपना लिया है। कांग्रेस के नेता कमलनाथ ने इस विधानसभा चुनाव के लिए ‘FV’ यानी फर्स्ट वोटर प्लान बना लिया है। कांग्रेस इसी के सहारे मध्य प्रदेश में खेला करने का प्लान बना रही है। साथ ही पार्टी अब युवाओं पर ज्यादा फोकस करने लगी है।

कांग्रेस ने अपनी युवा विंग को किया तैयार

26 सितंबर को कांग्रेस महासचिव और मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एनएसयूआई का ‘फर्स्ट वोट फ़ॉर कांग्रेस’ कैंपेन लॉन्च किया। इस अभियान में कांग्रेस ने अपनी युवा विंग को खास रूप से जोड़ा है। अब यह युवा विंग उन युवाओं के पास जाकर जो पहली बार वोट डालने जा रहे हैं चौहान सरकार की नाकामी को गिनाएंगे। कांग्रेस नेता सुरजेवाला का कहना है कि इस अभियान के जरिए हम युवाओं को यह भी बताएंगे कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो युवाओं के लिए क्या-क्या किया जाएगा।

इसलिए जरूरी है फर्स्ट वोटर

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं की संख्या 18 लाख 86 हजार है। 4 अक्तूबर को आने वाली फाइनल मतदाता सूची में यह आंकड़ा 19 लाख पार जा सकता है।

मध्यप्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। इन सीटों में औसत रूप से 8200 मतदाता हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे। कांग्रेस का ‘फर्स्ट वोट फ़ॉर कांग्रेस’ अभियान इनके लिए ही लॉन्च किया गया है।

साल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में 85 विधानसभा सीटें ऐसी थीं, जिसमें जीत मार्जिन सिर्फ 8 से 9 हजार से भी कम था। 8 सीटें ऐसी हैं, जहां देखा गया 1517 से 511 मतों से ही हार और जीत तय हुई।

पिछले चुनाव में 35 से अधिक ऐसी सीटें थीं, जहां जीत का अंतर 8 हजार से नीचे रहा। इसी कारण को कांग्रेस समझ गई है। इसलिए पार्टी ने युवा मतदाता पर फोकस करना शुरू कर दिया है।