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MP Politics: पिता से ही भिड़ गए थे शिवराज, 20 साल बाद फिर से मैदान में पूर्व सीएम, जानें उनके जीवन के रोचक किस्से

• LAST UPDATED : March 5, 2024

India News (इंडिया न्यूज), MP Politics: बीजेपी के वरिष्ठ और कद्दावर नेता शिवराज सिंह चौहान आज 65 वर्ष के हो गए हैं। शिवराज सिंह चौहान बीजेपी में सबसे अधिक दिनों तक सीएम रहने वाले नेता हैं। उनमें कई ऐसी बातें हैं जो शिवराज को अन्य नेताओं से अलग बनाती है। शिवराज सिंह चौहान को राजनीति विरासत में नहीं मिली है। शिवराज ने डगर-डगर चलकर ही राजनीति में अपना मुकाम हासिल किया। मध्य प्रदेश की सत्ता पर लंबे समय तक काबिज रहे शिवराज की पहचान पांव-पांव वाले भैया की भी है।

बचपन से ही शिवराज सिंह चौहान क्रांतिकारी स्वभाव के व्यक्ति थे। आपातकाल के समय जेल भी गए लेकिन बचपन में मजदूरों के एक आंदोलन का नेतृत्व करने के बाद शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक रूप सामने दिखाई दिया था। शिवराज का जन्म 5 मार्च 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में हुआ था। उनके पिता किसान प्रेम सिंह चौहान थे। शिवराज सिंह चौहान में नेतृत्व के गुण बचपन में ही दिखने लगे थे।

पिता से ही भिड़ गए शिवराज

खेतों में मजदूरी करने वाले मजदूरों के लिए पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने पिता प्रेम सिंह से ही भिड़ गए थे। अपने ही गांव में मजदूरों की मेहनत का पैसा दोगुना करने की मांग को लेकर शिवराज ने आंदोलन छेड़ दिया था। यह बात तब की है, जब शिवराज 9 साल के थे।

शिवराज को खुद करना पड़ा घर का काम

इसके बाद शिवराज के घर काम करने के लिए मजूदर भी नहीं आए, जिस वजह से उनके घर का काम भी बंद हो गया। इसके लिए उन्हें अपने पिता और चाचा से डाट खानी पड़ी थी। और घर का पूरा काम भी उन्हीं को करना पड़ता था। मजदूरों के लिए शिवराज अपने पिता से भी भिड़ गए।

शिवराज 20 बाद फिर से मैदान में

20 साल बाद शिवराज को फिर से लोकसभा के मैदान में उतारा गया है। विदिशा से शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले भी 5 बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं, इसके बाद साल 2005 के बाद 2018 के कुछ दिनों को छोड़ दिया जाए तो मध्य प्रदेश के सीएम बने जिसका सफर वर्ष 2023 के आखिरी तक जारी रहा। 2009 में बुधनी से शिवराज सिंह चौहान विधायक भी रहे। उसके बाद 2005 के बाद हुए उपचुनाव में भी शिवराज सिंह चौहान सांसद रहने के बाद विधायक चुने गए।

प्रदेश के कई राज्यों में भी लाडली लक्ष्मी योजना को मध्य प्रदेश के मॉडल को देखकर लागू किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान भी मध्य प्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना से प्रेरित है।

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