India News MP (इंडिया न्यूज़), MP’s Bhojshala Complex: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को धार के भोजशाला-कमल मौला मस्जिद परिसर में जैन समुदाय को पूजा-अर्चना का अधिकार देने की मांग वाली एक याचिका को तकनीकी आधार पर वापस लेने की अनुमति दे दी। यह याचिका दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता सलेकचंद जैन द्वारा दायर की गई थी।
याचिका में दावा किया गया था कि विवादित परिसर में पहले जैन गुरुकुल और जैन मंदिर था, जहां देवी अंबिका की मूर्तियां स्थापित थीं। इसके आधार पर जैन समुदाय के लोगों को वहां पूजा-अर्चना का अधिकार दिए जाने की मांग की गई थी।
हाई कोर्ट की इंदौर पीठ के जस्टिस प्रणय वर्मा ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी की कि याचिका न तो उचित प्रारूप में थी और न ही इसे देर से दाखिल करने का कोई कारण बताया गया था।
इस पर याचिकाकर्ता के वकीलों ने अर्जी वापस लेने और नए सिरे से उचित प्रारूप में दाखिल करने की अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।
यह मामला धार के ऐतिहासिक भोजशाला परिसर से जुड़ा है, जो लंबे समय से विवादों में रहा है। इस नई याचिका ने इस विवाद में जैन समुदाय के दावे को भी शामिल कर दिया है।
अब देखना यह होगा कि याचिकाकर्ता नए सिरे से कैसी याचिका दाखिल करते हैं और उस पर अदालत क्या रुख अपनाती है। फिलहाल, यह मामला फिर से चर्चा में आ गया है और इसके आगे की कार्यवाही पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
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