इंडिया न्यूूज़, बैतूल :
MP’s Garha Dam Came into Controversy मध्यप्रदेश के कई जिलों में बांध निर्माण परियोजना की आड़ में हुए 877 करोड़ से ज्यादा का घोटाला ठेकेदार ने सरकारी बाबूओं से मिल (scam of more than 877 crores in mdhya pardesh)कर कर दिया है। जो कार्य एमपी में होने थे बैतूल की चार परियोजनाएं (Scam of crores happened in four projects of Betul)भी उसमें शामिल हैं। जिनकी पेमेंट काम न होने की स्थिति में कर दी गई है। सरकारी बाबू भी ठेकेदार को रकम देकर न केवल सरकारी खजाने को चपत लगा रहे हैं। बता दें कि इस डैम में इलाके के 25 से 30 गांव की जमीन को अधिगृह किया गया था। लेकिन बीते चार सालों में ठेकेदार की जेब में तो पेमेंट गई लेकिन किसानों को मुआवजे के रुप में मिलने वाले पैसे की आज तक एक फूटी कोड़ी नसीब नहीं हुई।
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बैतूल में 8500 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के लिए बनाया जा रहा गढ़ा बांध अब भ्रष्टाचार का पहाड़ बनता प्र्रतीत हो रहा है। बता दें कि इस बांध की स्वीकृत तत्कालिन सीएम अर्जुन सिंह ने साल 1984 में दी थी। लेकिन 2019 में इसके निर्माण पर मुहर राज्य सरकार ने लगा दी लेकिन बीते चार सालों में बांध का निर्माण तो क्या होना था अभी तक कार्य भी शुरू नहीं किया गया। वहीं जिन जमीन का अधिग्रहण किया गया था। उसका मुआवजा भी किसानों को आज तक नहीं मिला। किसानों का कहना है कि हमारे साथ सरकार ने झलावा किया है।
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गढ़ा डैम बनने से पहले ही विवादों में घिरता नजर आ रहा है। क्योंकि काम शुरू होने से पहले ही डैम निर्माण कर रही मेंटाना कम्पनी को करोड़ो का भुगतान कर दिया गया है। घोटाला उजागर होने के बाद किसान एक बार फिर आक्रोशित हो उठे हैं। उनका कहना है कि जमीन देने के बाद भी उन्हें मुआवजा मिलना तो दूर कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। वहीं मामला हाईलाइट होते ही ईओडब्लू इस घोटाले की जांच में जांच में जुट गई है।