इंडिया न्यूज़, भोपाल (मध्य प्रदेश) : राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 13 सितंबर को 1 वर्ष से 19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों और किशोरियों को पेट के कीड़ों से छुटकारा पाने के लिए एल्बेडाजोल की गोली दी जाएगी। इसके बाद 16 सितंबर को एल्बेडाजोल के सेवन से छूटे बच्चों को कृमि राहत की गोली दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य मिट्टी जनित कृमि संक्रमण को रोकना, बच्चों, किशोरियों को उनकी उम्र के अनुसार अपराध से मुक्त करके स्वास्थ्य और पोषण स्तर में वृद्धि करना है।
इसके तहत किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत संचालित सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, आदिवासी आश्रम स्कूलों, निजी सहायता प्राप्त स्कूलों, केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों, मदरसों, स्थानीय निकाय स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और बाल देखभाल संस्थानों में 1 से 19 वर्ष के सभी बच्चों को नष्ट कर दिया जाएगा। निजी, सरकारी, आंगनबाडी, बाल सुधार गृह, आश्रम और छात्रावास में प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा बच्चों को एल्बेडाजोल की गोलियां खिलाई जाएंगी।
इस उद्देश्य के लिए, किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत, क्षेत्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा बाल देखभाल संस्थानों जैसे कि बाल गृह, बाल गृह, बालिका गृह, बाल अवलोकन गृह आदि का दौरा किया गया था और उनकी देखरेख में ऐसे सभी बच्चों को लेने का लक्ष्य रखा गया था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि एक से 19 वर्ष की आयु के बच्चों के पेट में कीड़े होने के कारण उनका मानसिक और शारीरिक विकास ठीक से नहीं हो पाता है।
बच्चे बीमार और कमजोर रहते हैं। खून की कमी भी होती है। बच्चे को थकान महसूस होती है। जब बच्चे के पेट में कीड़ा होता है तो कीड़ा बच्चे का पौष्टिक भोजन और खून चूसता है। जिससे बच्चे पर्याप्त भोजन करने के बाद भी कमजोर और कुपोषित हो जाते हैं। वे एनीमिक भी हो जाते हैं। उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। सीएमएचओ ने कहा कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास की कमी को दूर करने के लिए एल्बेडाजोल की गोली दी जाती है।
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