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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को मिला एमपी के बीजेपी नेता का समर्थन, नेेता ने कहा- बाबा नही उनके इष्ट का चमत्कार है

• LAST UPDATED : January 21, 2023
इंडिया न्यूज ब्यूरो

National General Secretary of BJP in support of Dhirendra Shastri: मध्यप्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के बाबा कथा वाचक धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लेकर प्रदेश में सियासत गर्मा गयी है। जिसके चलते कुछ लोग बाबा को चुनौती देते नजर आ रहे हैं, तो कुछ लोग उनके बचाव में उतर आए हैं। जिसमें छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने चैलेंज दे दिया। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राज्य में धर्मांतरण के मामले नहीं बढ़े हैं। अगर पंडित धीरेंद्र शास्त्री इसे साबित कर दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा और अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो उन्हें पंडिताई छोड़नी होगी।

दूसरी तरफ, महाराष्ट्र के नागपुर में धीरेन्द्र शास्त्री की कथा के आयोजन के बाद मचे बवाल और अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति की शिकायत कर कार्यवाही की मांग के बाद कैलाश विजयवर्गीय बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं।

मैंने देखा है बाबा का इंटरव्यू-विजयवर्गीय

बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि उन्होंने बाबा का इंटरव्यू देखा है। हिंदू महंत धीरेंद्र शात्री ने कहा है कि यह मेरा चमत्कार नहीं है, यह मेरे ईष्ट का चमत्कार है। मुझे हनुमानजी और सन्यासी बाबा पर भरोसा है। सब कुछ उन्हीं की कृपा से होता है। मैं एक छोटा सा साधक हूं। इस तरह हिंदू महंत पर आरोप लगाना गलत है। सनातन धर्म में अनेक हिन्दू महात्मा हुए हैं। लोग जावरा लौट आते हैं, मारते हैं, घूमते हैं, वहां चर्चा नहीं होती। अगर किसी हिंदू महात्मा के साथ कोई घटना होती है तो लोग प्रश्न चिन्ह खड़े करते हैं। जावरा की दरगाह पर आज तक किसी ने सवालिया निशान क्यों नहीं लगाया।

यह है पूरा मामला

बागेश्वरधाम सरकार पर महाराष्ट्र की अखिल भारतीय अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने जादू-टोना करने का आरोप लगाते हुए उन्हें चुनौती दी थी। दावा है कि इसके बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री रामकथा बीच में ही छोड़कर नागपुर से चले गए। छतरपुर के बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि वह नागपुर में पिछले सात दिन तक लगातार कथा करते रहे। इस बीच दो दिन दिव्य दरबार भी लगाया, तब किसी ने कोई चुनौती नहीं दी, लेकिन जैसे ही वह कथा से वापस लौटे तो सनातन धर्म विरोधियों ने यह दुष्प्रचार किया है।

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