India News MP (इंडिया न्यूज), Noorjahan Mango: अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में मौजूद दुर्लभ ‘नूरजहां’ आम की किस्म को बचाने के लिए अधिकारियों ने वैज्ञानिक प्रयास तेज कर दिए हैं। यह अफगान मूल की मानी जाने वाली किस्म अपने विशाल आकार और मिठास के लिए जानी जाती है।
इतने किलो का एक आम
इस दुर्लभ नूरजहां आम का वजन 3.5 किलोग्राम से 4.5 किलोग्राम के बीच होता है, जबकि बाजार में इसकी कीमत 1000 रुपये से लेकर 1200 रुपये प्रति किलो तक है। इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) दीपक सिंह ने बागवानी विभाग की एक बैठक में कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में नूरजहां के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक प्रयासों को तेज करने पर जोर दिया।
केवल 10 पेड़ ही रह गए है
अलीराजपुर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. आरके यादव ने बताया कि नूरजहां आम के केवल 10 फल देने वाले पेड़ बचे हैं। उन्होंने कहा, “हम हार नहीं मानेंगे। हम अगले पांच वर्षों में पौधारोपण कर इनकी संख्या 200 तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। हम इस प्रजाति को विलुप्त नहीं होने देंगे।”
इतने समय में कम हो गया वजन
कुछ दशक पहले नूरजहां आम का अधिकतम वजन 4.5 किलोग्राम तक होता था, जो अब घटकर 3.5 से 3.8 किलोग्राम के बीच रह गया है। नूरजहां के तीन पेड़ों के मालिक और आम उत्पादक शिवराज सिंह जाधव ने बताया कि इस बार पैदावार कम है। उनके तीन पेड़ों से केवल 20 आम निकले हैं।
2000 का बिका एक आम
जाधव ने कहा, “मेरे बगीचे में पिछले साल सबसे भारी 3.8 किलोग्राम की नूरजहां पैदा हुई थी, जिससे मुझे 2,000 रुपये मिले थे।” उन्होंने बताया कि नूरजहां किस्म के पेड़ जनवरी में बौर आने शुरू हो जाते हैं और आम जून में पकने के बाद बाजार में बिक्री के लिए आते हैं।
बेमौसम बारिश और तूफान (Noorjahan Mango)
बेमौसम बारिश और तूफान के कारण इस बार पैदावार पर बुरा असर पड़ा है। अधिकारियों ने टिश्यू कल्चर की मदद से नूरजहां के नए पौधे तैयार करने का निर्णय लिया है ताकि इस दुर्लभ किस्म को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा सके।
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