उज्जैन। Mahakal’s makeup will be in 9 ways: मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिव नवरात्रि में महाशिवरात्रि को लेकर मंदिर में विशेष तैयारियां अंतिम दौर में है महाकाल ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा के अनुसार 10 फरवरी को शिव नवरात्रि के पहले दिन शिव पंचमी का पूजन किया जाएगा।
सबसे पहले कोटि तीर्थ कुंड के पास स्थित श्री कोटेश्वर महादेव की पूजा अर्चना की जाएगी जिसके दौरान उन्हें हल्दी चढ़ाई जाएगी इसके बाद गर्भ ग्रह में महाकाल की पूजा होगी।
शिव पंचमी पर पुजारी महाकाल का पंचामृत अभिषेक बनाएंगे उनकी पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद ब्राह्मण रूद्र पाठ करेंगे दोपहर 1:00 बजे भोग आरती होगी 3:00 बजे संडे पूजा के बाद भगवान का विशेष और सुंदर श्रृंगार किया जाएगा।
पूजा के इस कर्म को 9 दिन तक जारी रखा जाएगा और 9 दिनों तक महाकाल का अलग-अलग शृंगार किया जाएगा अर्थात 9 दिन तक महाकाल अपने भक्तों को अलग-अलग रूप में दर्शन देंगे।
महाकाल मंदिर में प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे भोग आरती में शाम को 5:00 बजे संध्या पूजा होती है। लेकिन नव शिव नवरात्रि के दौरान उसका समय बदल दिया जाएगा जिसके चलते भोग आरती दोपहर 1:00 बजे तथा संध्या पूजा दोपहर 3:00 बजे होगी। इसके अलावा महाशिवरात्रि पर 18 फरवरी को मंदिर प्रबंधन समिति ने वीआईपी एंट्री व्यवस्था को बंद रखने का निर्णय लिया है।
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