बता दें कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के एक छोटे से गांव जूनापानी से ख़बर आ रही है। जिसमें बताया जा रहा है कि बागेश्वर घाम के तर्ज पर धीरेंद्र शास्त्री के शिष्य हनुमंतदास ने एक नया दिव्य दरबार शुरु कर दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने बागेश्वर घाम के धीरेंद्र शास्त्री से गुरु दीक्षा ली है। जिसके बाद उन्होंने मंशापूर्ण घाम के नाम से दिव्य दरबार लगाना शुरू किया है ।
मंशापूर्ण घाम के बाबा ने बताया कि उनका नाम हनुमंतदास सेनिल है। वो गुना जिले के राघोगढ़ में रहते है। पढाई में उन्होंने BA किया है। 19 साल की उम्र में वो अध्यात्म से जुड़कर साधना पूजा पाठ करने लगे। लेकिन अभी 4 से 5 सालों से उनका मन पूजा-पाठ और साधना में ज्यादा लगने लगा था।
जिसके बाद उन्होंने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री से दीक्षा ली थी । उनका कहना है उसके बाद से उनके ऊपर हनुमानजी की कृपा हुई। फिर उन्होंने दिव्य दरबार लगाना शुरू कर दिया । पिछले डेढ़ साल से राघोगढ़ में स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में दिव्य दरबार लगाया जा रहा हैं।
हनुमंतदास द्वारा लगाये गए दरबार में लोगो का तांता लगा था। आज के इस दरबार में लगभग 400 से भी ज्यादा लोग पहुंचे थें। हुनुमंतदास का कहना है कि नके पास कोई दिव्य शक्ति नहीं है। बल्कि उनके उपर हनुमान जी की कृपा है। जिससे वो लोगों की मन की बात जान लेते हैं ।
ये भी पढ़े- वरिष्ठ पत्रकार अभय छजलानी का निधन