MP:(Ruckus on digital budget) मध्यप्रदेश का बजट सत्र शुरु हो गया है। ये सत्र पुरे एक महीने यानी की 27 मार्च तक चलेगा। 1 मार्च को इस सत्र का बजट पेश किया जाएगा। बजट पेश होने से पहले विधानसभा में डिजिटल बजट को लेकर घमासान छिड़ गया है। एक तरफ इसे कुछ विधायकों ने अच्छी पहल बतायी है। वहीं दूसरी ओर इसे तानाशाही कहा जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का कहना है कि डिजिटल बजट ओड़िशा के विधानसभा में आ चुका है। देश की दूसरी विधानसभाओं में भी ई-बजट लाने का प्रयास किया जा रहा है। ये खुद में एक नया वियार है। ये हमें आधुनिकता से जोड़ने का काम करेगा। इससे जुड़कर हम आसानी से और भी ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
डिजिटल बजट पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि मैं विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करूंगा कि मध्यप्रदेश में एससी, एसटी, महिला, पिछडे़ वर्ग के अधिकांश लोग हैं। इन्हे पूरी तरीके से डिजिटल उपकरणों की जानकारी नहीं है। तानाशाही तरीके से बजट लिखित पेपर पर न देकर डिजिटल बजट देने का मैं विरोध करूंगा। वहीं विदिशा विधायक शशांक भार्गव ने कहा कि, पहले सरकार बजट ले आए, फिर देखेंगे। इसमें भी कुछ कारगुजारी की होगी, जैसे ईवीएम में की है।
नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया का कहना है कि, आने वाला बजट मध्यप्रदेश के लिए उपलब्धियों से भरा होगा। रोजगार पैदा करने के हिसाब से अभूतपूर्व बजट होगा। इस बार भी बेहतरीन बजट आएगा। वहीं इछावर विधायक करण सिंह वर्मा का कहना है कि, ई-बजट बहुत अच्छा प्रयास है। विपक्ष का काम विरोध करना है, वो तो कहते रहते हैं। साथ ही साथ गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह ने कहा कि हम तो अच्छा सोचते हैं। पेपरलेस रहेगा तो खर्चा भी कम होगा। औक जरूरत पड़ेने पर लोग सब सीख जाते हैं।