सतना: मध्यप्रदेश सरकार के राज्यमंत्री के ग्रह विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी नाले का पानी पीने को मजबूर हैं। ग्रामीण सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना नल जल योजना से कोषों दूर है । सामने आई तस्वीरों ने जमीनी स्तर पर सारी योजनाओं की पोल खोलकर रख दी है।
मध्यप्रदेश में करोड़ों रुपए खर्च करके तरह तरह की योजनाओं की सुरुआत की जाती है मगर जमीनी हकीकत कुछ और निकल कर सामने आती हैं मध्यप्रदेश के सतना से आमने आई तस्वीर से साफतौर पर साबित होता हैं कि आज भी कुछ गांव ऐसे हैं जो शासन की मूलभूत सुविधाओं से दूर है
दरअसल मामला सतना जिले के डोमा ग्राम का हैं जहां पर आदिवासी बहुल बस्ती के तकरीबन 200 से भी ज्यादा लोग आज पिछले कई वर्षों से नाले का पानी पी कर अपना जीवन व्यापन कर रहे हैं । कहते है कि आज के दौर में जहां लोग चांद तक सफर तय कर रहे है मगर मध्यप्रदेश के सतना में लोग अभी भी गंदे नाले का पानी पी कर जीने को मजबूर हैं। तस्वीरे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि आज की दौर में भी लोग 19वी शताब्दी के दौर की तरह अपना जीवन व्यापन कर रहे हैं
ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्ष पहले यहां पर हैंडपंप लगवाया गया था मगर वह खराब पड़ा हुआ है कही से पानी न मिलने पर लोग गंदे नाले का पानी पीने को मजबूर हैं। कहने को तो ये मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल के गृह विधानसभा क्षेत्र का ग्राम पंचायत डोमा हैं। इसके बावजूद भी ऐसी तस्वीरों का सामने आना कही न कही सरकार के मनसूबे पर सवाल खड़े होते हैं।
सरकार द्वारा हर घर जल पहुचाने के लिए नल जल योजना चलाया जा रहा हैं मगर इस योजना से आज भी ये ग्रामीण वंचित है इस तरह के गंदे नाले का दूषित पानी से कई बीमारियां भी इनको घेरती इन सभी बातों को जानते हुए भी मजबूरन ग्रामीणों को इस तरह का पानी पीना पड़ता है। साथ साथ अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डोमा ग्राम नौसा और ग्राम भड़रा में भी लोग नाले के सहारे अपना जीवन जीने को मजबूर हैं।