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एससी-एसटी वोटों के बिखराव ने कांग्रेस की बढ़ाई चिंता, वहीं बीजेपी कर रही है ओवैसी की एंट्री का इंतजार

• LAST UPDATED : February 16, 2023

MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में इस साल चुनाव होने जा रहे हैं। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं। कांग्रेस की टेंशन लगातार बढ़ती जा रही है। बीते दिनों आम आदमी पार्टी ने एमपी विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान किया था, जिससे कांग्रेस की टेंशन बढ़ती नजर आ रही थी।

लेकिन अब एससी-एसटी वोटों की बिखराव ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है।

एससी-एसटी वोटों के बिखराव से कांग्रेस परेशान

मध्य प्रदेश में बीजेपी 19 साल से सत्ता में है, जिसके चलते कांग्रेस उसे हटाना चाहती है। मध्य प्रदेश की राजनीति में देखा जाए तो इस बार चुनाव में एससी-एसटी वोटों का बिखराव कांग्रेस के लिए परेशानी बन सकता है। यह एक और बीजेपी को इसका बड़ा फायदा मिल सकता है। बता दें कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 82 सीटें आरक्षित हैं। फिलहाल इन सीटों पर बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस का दबदबा है।

यह हैं पूरा मामला

दरअसल 4 दिन पहले  भोपाल में भीम आर्मी के डेढ़ सौ दो लाख कार्यकर्ता जुटे थे> आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद रावण ने शक्ति प्रदर्शन का आह्वान किया था। जिसके चलते उन्होंने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। जिसके चलते मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति की एकता भी इस प्रदर्शन के दौरान देखने को मिली। इसी कारण कांग्रेस परेशानी में आ गई है क्योंकि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति के वोटों पर कांग्रेस का एकाधिकार माना जाता है, लेकिन इस स्थिति के चलते कांग्रेस के वोट कटने की आशंका जताई जा रही है। जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है।

प्रदेश की सियासत में भीम आर्मी और जयस की एंट्री ?

बता दें कि मध्यप्रदेश की सियासत में भीम आर्मी, जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन चुनावी ताल ठोंकने की तैयारी में हैं। जानकारों का मानना है कि 2018 के चुनावों में कांग्रेस को चंबल-ग्वालियर क्षेत्र में जमकर अनुसूचित जाति वर्ग के वोट मिले थे। इसी तरह मालवा अंचल में कांग्रेस ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के वोटों के बल ही सरकार में वापसी की थी। लेकिन 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले भीम आर्मी ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सियासी जमीन मजबूत कर ली है और इधर मालवा क्षेत्र में जयस मजबूती के साथ खड़ा हो गया है। दोनों ही संगठन कांग्रेस के लिए परेशानी का कारण बनते दिख रहे हैं।

बीजेपी कर रही हैं असादुदीन ओवैसी का इतंजार

जानकारी मिल रही है कि मध्य प्रदेश में भीम आर्मी और जय संगठन के सक्रिय होने के बाद से अब बीजेपी को असादुद्दीन ओवैसी की पार्टी का इंतजार है। प्रदेश में मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के पारंपारिक वोटर है लेकिन ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन की एंट्री से कांग्रेस के लिए और ज्यादा परेशानी बढ़ सकती है। जिसके चलते बीजेपी को लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसलिए बीजेपी अब मध्यप्रदेश में ओवैसी की पार्टी का इंतजार कर रही है।

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