India News (इंडिया न्यूज) MP Election 2023, भोपाल: एमपी में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसी बीच चुनाव से पहले बीजोपी ने एमपी में 39 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। वहीं इन दिनों दलों के बीच पार्टी बदल देने का दौर भी जारी है। वहीं सिंधिया समर्थकों में घर वापसी का क्रेज देखने को मिल रहा है। सिंधिया समर्थक चुनाव से पहले बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम रहे हैं। जिसमें मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि बीजेपी इन्हें टिकट नहीं देगी। लेकिन कारण कुछ भी हो सिंधिया सर्मथकों की कांग्रेस में घर वापसी से बीजेपी की चिंता जरूर बढ़ गई है।
बता दें कि ये चिंता इसलिए भी है क्योंकि जो ग्वालियर-चंबल सिंधिया का गढ़ माना जाता है। भाजपा छोड़ने वाले अधिकांश नेता यहीं से हैं। गौरतलब है कि सिंधिया भाजपा में फिलहाल राज्यसभा सदस्य बने और वर्तमान में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। वहीं जो विधायक उनके साथ बीजेपी में शामिल हुए थे, वो सब उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीत गए। बाकि बचे कुछ जनाधार वाले नेता जो अब सिंधिया का साथ छोड़ रहे हैं।
मालवा प्रांत के नीमच जिले के जावद निर्वाचन क्षेत्र के रहने वाले समंदर पटेल ने 2018 में निर्दलीय टिकट की प्रतिस्पर्धा में भाग लिया था। हालांकि वह जीत नहीं सके। इस बार समंदर ने बीजेपी से टिकट की मांग की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला, ये सोचकर उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए। अब यदि कांग्रेस उन्हें जावद से अपना उम्मीदवार बनाती है तो उनका मुकाबला ओमप्रकाश सकलेचा से हो सकता है। बता दें कि 2020 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए तो समंदर पटेल भी सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो गए।
सिंधिया लगातार चार वर्षों तक गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे। दूसरी ओर, बैजनाथ यादव एक जमीनी नेता हैं।जिनका गुना शिवपुरी में यादवों के बीच अच्छा प्रभाव है। वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी थे। हालांकि, जून के आखिरी महीने में वह 400 गाड़ियों के काफिले के साथ भोपाल पहुंचे और कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके कांग्रेस में शामिल होने में अरुण यादव की अहम भूमिका थी।
जयपाल सिंह शिंदिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया। जयपाल को केंद्रीय मंत्री सिंधिया का खास माना जाता है और यादवों में उनकी अच्छी खासी पकड़ है। लेकिन कुछ दिन पहले उनकी कांग्रेस में वापसी हो गई।
यदुराज सिंह यादव का चंदेरी विधानसभा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से चुनाव लड़े, तो उन्होंने अशोकनगर में उनके चुनाव की अध्यक्षता की। लेकिन हाल ही में वह जयपाल सिंह के साथ कांग्रेस में शामिल हो गये।
भाजपा शिवपुरी के उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने सिंधिया को शिवपुरी सीट का प्रभारी बनाया। वहीं, रायसेन में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक गगन दीक्षित ने भी पार्टी छोड़ दी। गगन सिंधिया चीयरलीडर्स क्लब के जिला अध्यक्ष थे।
वहीं धाकड़ समाज में अच्छी पकड़ रखने वाले रघुराज सिंह धाकड़ भी कांग्रेस में शामिल हो गए है। कोलारस से आने वाले रघुराज की धाकड़ समाज में अच्छी पकड़ है। वो 20 साल से राजनीति में सक्रिय है। ऐसे में धाकड़ कांग्रेस में शामिल होने से यहां बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते हैं।
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