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Sehore: मजदूर की बेटी बनी जिले की पहली महिला अग्निवीर

• LAST UPDATED : February 5, 2023

सीहोर: बेटियां हर क्षेत्र में अपने मां-बाप का नाम रोशन कर रही हैं। सीहोर की बेटी ने भी अपने काम से जिले का नाम रोशन किया है। बता दे 19 वर्षीय ईशा कुशवाह मजदूर की बेटी हैं। ईशा ने सीहोर की पहली महिला अग्निवीर के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया है। सीहोर निवासी ईशा कुशवाह नगर के शासकीय चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय में बीएससी थर्ड ईयर की छात्रा है। ईशा ने कॉलेज में दाखिला लेने के साथ ही एनसीसी भी ज्वाइन कर ली थी और उनका लक्ष्य भारतीय सेना में शामिल होना था।

इसके लिए ईशा कुशवाह ने शुरू से ही कड़ी मेहनत की और भारतीय सेना में अग्निवीर के पद में भर्ती के लिए आवेदन दिया था। परीक्षा में पास होने के बाद ईशा का चयन अग्निवीर में हो गया है। अग्निवीर बनने के बाद ईशा और उनके परिजन काफी खुश हैं।

कॉलेज के प्रोफसर और अपने माता पिता को दिया सफलता का श्रेय

बता दे ईशा कुशवाहा की मम्मी आंगनवाड़ी में सहायिका के पद पर कार्यरत् हैं और पिताजी सब्जियों का व्यापार करते हैं। उनकी आरंभिक शिक्षा नूतन विद्यालय से हासिल की और शासकीय चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय में प्रवेश लेने के साथ ही एनसीसी जॉइन कर ली। एनसीसी के कई कैंप भी अटेंड किए और उसमें प्रशिक्षण प्राप्त किया। ईशा ने बताया कि देश की सेवा करने के लिए पिता-माता हमेशा सेवा करने की बात करते थे, उनके संस्कारों का ही परिणाम है कि उसका और उसके परिवार का सेना में जाने का सपना पूरा हुआ। ईशा अग्निवीर में चयनित होने के श्रेय कॉलेज के प्रोफसर और अपने माता पिता को देती हैं। ईशा की मां रीता कुशवाहा ने बताया कि काफी कठिनाइयां उठाने के पश्चात भी उन्होंने अपनी बेटी को मेहनत करके पढ़ाया है अब जब उनकी बेटी अग्निवीर बन गई है तो उन्हें काफी गर्व है।

भारतीय सेना में शामिल होने के लिए किया है कठोर परिश्रम

ईशा कुशवाहा ने बताया कि भारतीय सेना में शामिल होने के लिए उसने कठोर परिश्रम किया है। प्रतिदिन सुबह पांच बजे उठकर कॉलेज ग्राउंड के आठ से 10 चक्कर लगाकर वह प्रतिदिन रनिंग करती है और भोजन में भी उसने अंकुरित आहार का सेवन लगातार किया है। खेलों में भी उनकी काफी रुचि रही है। कॉलेज की ओर से हैंडबॉल भी खेलती हैं। ईशा प्रतिदिन चार किलोमीटर रनिंग करती हैं और बीएससी थर्ड ईयर की घंटों तक पढ़ाई भी करती हैं पढ़ाई के साथ साथ समय-समय पर आर्मी में जाने के लिए तैयारियां भी करती हैं। ईशा ने बीते तीन सालों से एनसीसी के माध्यम से काफी मेहनत की और हाल ही में भोपाल में आयोजित एनसीसी के 10 दिवसीय शिविर में भी भाग लिया था। ईशा ने  युवाओं से कहा कि कि लक्ष्य निर्धारित करके कार्य करना चाहिए एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है