MP Politics: मध्य प्रदेश सरकार अपना बजट पेश कर चुकी है। इस बजट से पहले आए आर्थिक सर्वेक्षण से सरकार उत्साहित है। वहीं बजट में हर वर्ग की जिंदगी को बेहतर बनाने के वादे किए गए हैं। इस बजट पर जहां विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों से संवाद का क्रम शुरु हुआ है। तो वहीं सरकार इस बजट पर ग्राम सभाओं में भी चर्चा कराए जाने का मन बना रही है।
जिसके चलते मुख्यमंत्री का कहना है कि हमने पिछले साल से राज्य का बजट बनाने में जनता के सुझावों को शामिल करना आरंभ किया है। इस साल चार हजार से अधिक सुझाव हमें मिले। जिनमें से अधिकांश को राज्य के बजट में शामिल किया गया है। अब बजट का जन-भागीदारी के साथ करने के उद्देश्य से आर्थिक सर्वेक्षण और बजट पर जन-संवाद किया गया है। मैं चाहता हूं कि ग्राम सभाओं में भी बजट पर चर्चा हो।
मुख्यमंत्री चौहान ने आगे कहा कि ऋण लेने को लेकर राज्य सरकार पर की तरह के आरोप लगाए जाते हैं। वास्तविकता यह है कि राज्य सरकार से ऋण लेने के मापदंडों के अनुसार ही ऋण लिया गया है। ऋण और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात वर्ष 2020-21 में 22.6 प्रतिशत रहा, जबकि वर्ष 2005 में यह 39.5 प्रतिशत था. राज्य का पूंजीगत व्यय 23.18 प्रतिशत से बढ़कर 45 हजार 685 करोड़ हुआ है, जो मध्यप्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक ह।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि राज्य का इस वर्ष का बजट कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिचायक है। बजट का आकार 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए हो गया है। वहीं सिंचाई, ऊर्जा, सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त प्रावधान के साथ महिला, किसान, युवा और गरीब-कल्याण के लिए इस बार विशेष व्यवस्था की गई है। बजट में सभी क्षेत्रों के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। महिलाओं के लिए एक लाख 2 हजार 976 करोड़ का प्रावधान बजट में रखा गया है।
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