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Special on First Navratri मां विंध्यवासिनी बिजासन के दरबार में उमड़ी भक्तों की भीड़

• LAST UPDATED : April 2, 2022

Special on First Navratri

इंडिया न्यूज़, सीहोर :

Special on First Navratri मध्य प्रदेश(madhya pardesh) के सीहोर जिले में (Maa Vindhyavasini Bijasan is seated on Vindhyachal mountain located at Salkanpur in Sehore)सलकनपुर स्थित विंध्याचल पर्वत पर मांं विंध्यवासिनी बिजासन विराजमान हैं। चेत्र नवरात्रि के प्रथम दिवस विभिन्न जिलों से श्रद्धालुओं का सैलाब मां का आर्शीवाद लेने उमड़ पड़ा है। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओ ने मां की पूजा अर्चना करते हुए परिवार व विश्व की मांगलकामना का वर मांगा। महा आरती में शामिल हुए भक्तों ने मां के जयकारे लगाए। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर मां के जयकारों से गूंज उठा।

कहां है बिजासन मां का दरबार

बता दें कि मां बिजासन सलकनपुर मंदिर राजधानी भोपाल से 70 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित(Maa Vindhyavasini Bijasan Temple is 70 kms from Bhopal) है। दरबार तक पहुंचने के लिए श्रधालुओं को मंदिर की 1400 सीढ़ियां चढ़ कर जाना पड़ता है। वहीं जो भक्त अपने वाहनों पर जाना चाहते हैं उनके लिए सड़क मार्ग की व्यवस्था की गई है। यही नही मंदिर तक पहुंचने के लिए अब रोपवे की सुविधा भी भक्तों के लिए कर दी गई है। नवरात्रि में लाखों की संख्या में दर्शनार्थी प्रतिदिन यहां अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और मुंह मांगी मुरादें पूरी हो जाती हैं।

क्या है सलकनपुर मंदिर का इतिहास

बिजासन के दरबार की मान्यता यह है कि 300 वर्ष पूर्व कुछ बंजारे पशुओं का व्यापार करते थे, एक दिन वही लोग यहां रूके तो उनके पशु गायब हो गए। लाख तलाशने पर भी जब पशु नहीं मिले तो वह निराश हो गए। तब बुजुर्ग बंजारे को एक कन्या दिखाई दी। वृद्ध ने कन्या को पशुओं के खो जाने की बात बताई। तब कन्या ने बंजारे को कहा कि क्या आपने मां बिजासन की पूजा की है। इस पर बंजारे ने न में उत्तर दिया।

फिर कन्या ने मां बिजासन के स्थान की ओर इशारा कर बताया आप वहां चले जाओ। जब बंजारा वहां गया तो मां बिजासन की प्राचीन पाषांण प्रतिमा उन्हें दिखाई दी। तब बंजारों ने पशु मिलने की मन्नत मांगी कुछ ही पल में उनके पशु मिल गए, बंजारे बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने मंदिर का निर्माण कर दिया। उसके बाद से आज तक मां के दरबार में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

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