India News MP (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के एक सरकारी अस्पताल में बच्चों को बुखार की दवा की जगह सीरप पिलाया जा रहा था। यह गफलत 11 माह से चल रही लेकिन इसका खुलासा अब जाकर हुआ है। इस दौरान दवा की 9 हजार से ज्यादा शीशी बच्चों को पिला दी गई। दरअसल, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग जबलपुर द्वारा दवा का सैंपल लेकर जांच कराई गई थी, जिसमें दवा स्टैंडर्ड क्वॉलिटी की नहीं मिली।
जबलपुर के CMHO डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि बच्चों में बुखार की समस्या को ठीक करने के लिए दी जाने वाली सिरप जांच में फेल हो गई है। यह दवा शासकीय रानी दुर्गावती अस्पताल में बच्चों को उपचार के दौरान दी जा रही थी।
उन्होंने बताया कि शासकीय अस्पताल में सरकार की एक एजेंसी के माध्यम से दवाओं की सप्लाई होती है। समय-समय पर रैंडम सैंपलिंग कराकर दवाओं की जांच की जाती है। एल्गिन में सिरप का नमूना जांच में अमानक मिला है, जिसके बाद दवा का उपयोग रोक दिया गया है। इसकी सूचना सरकार को दे दी गई है। संबंधित कंपनी पर राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मामले का खुलासा होने के बाद अब के राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन भोपाल द्वारा निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह बात भी सामने आई है कि अस्पताल में बड़ी संख्या में बच्चों के उपचार में इस दवा का प्रयोग किया गया था। रिपोर्ट आने के बाद चुपचाप इसके उपयोग पर रोक लगा दी गई।
विशेषज्ञों के अनुसार पैरासिटामोल सीबी पीडियाट्रिक ओरल सस्पेंशन नवजात से लेकर 12 साल तक की उम्र के बच्चों में बुखार की समस्या में राहत प्रदान करने के लिए दी जाती है। दवा का निर्माण इंदौर की कंपनी क्वेस्ट लेबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है, जो कि पीथमपुर जिला धार में स्थित है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि लेडी एल्गिन अस्पताल में शासकीय प्रक्रिया के तहत कॉर्पोरेशन के माध्यम से पैरासिटामोल सीबी पीडियाट्रिक ओरल सस्पेंशन की खरीदी की गई थी। दवा निर्माता कंपनी द्वारा 60ML क्षमता की 10 हजार से ज्यादा शीशी की अस्पलाल में सप्लाई की गईं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग जबलपुर द्वारा गत वर्ष 13 जुलाई 2023 को रैंडम सैंपलिंग में इस दवा का सैंपल लिया गया था।
सैंपल की जांच भोपाल की लैब में की गई, जिसकी रिपोर्ट इसी वर्ष मार्च माह में आई। रिपोर्ट में दवा को स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं पाया गया। जांच रिपोर्ट में सिरप स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं पाए जाने के बाद अस्पताल में इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। लेकिन इस दौरान तकरीबन 90 फीसदी दवा बच्चों को पिलाई जा चुकी थी।
Read More:
India News MP (इंडिया न्यूज़), MP Doctors’ strike: कोलकाता में 8 अगस्त को एक ट्रेनी…
India News MP (इंडिया न्यूज़), MP Weather Update: मध्य प्रदेश में एक हफ्ते के ब्रेक…
India News MP (इंडिया न्यूज़), Tribal youth Assaulted: इंदौर में एक शर्मनाक घटना सामने आई…
India News MP (इंडिया न्यूज़), MP NCL scandal: मध्य प्रदेश के सिंगरौली में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स…