India News (इंडिया न्यूज़), Tiger populations increased: देश में विलुप्त हो रहे जानवरों को बचाने के लिए सरकार द्वारा लगातार कई परियोजना चलाई जाती रही है। जैसे अभी चीतों के लिए देश में वापस बसाने के लिए प्रोजेक्ट चीता चलाया जा रहा है। साल 2010 में दुनिया भर से बाघों की घटती संख्या को देखते हुए 13 देशों ने मिलकर एक फैसला लिया। जिसमें कहा गया कि हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) के रुप में मनाया जाएगा। तब से हमारा देश 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के रुप में मनाता है।
इस बाघ दिवस मध्यप्रदेश के लिए काफी खास रहा। केंद्र सरकार नें राज्यवार बाघों की संख्या जारी की है। जिसमें सारे राज्यों में मध्यप्रदेश का नाम सबसे उपर है। जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 785 है। वहीं दूसरे नंबर पर कर्नाटक का नाम है। जहां वर्तमान समय में बाघों की संख्या 563 बाघ है। वहीं देवों की नगरी उत्तराखंड का नाम तीसरे स्थान पर आया है।
इस उपलब्धि से राज्य सरकार और वन विभाग के अधिकारियों के बीच खुशी की लहर है। इस मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “अत्यंत हर्ष की बात है कि हमारे प्रदेशवासियों के सहयोग और वन विभाग के अथक प्रयासों के फलस्वरूप, चार वर्षों में हमारे प्रदेश में जंगल के राजा बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। मैं पूरे प्रदेश की जनता को, वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण में उनके सहयोग के लिए हृदय से धन्यवाद और बधाई देता हूँ। आइये हम सब मिलकर अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर भावी पीढ़ियों के लिए प्रकृति संरक्षण का पुनः संकल्प लें”।
इसके साथ-साथ बाघों की संख्या को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने क्या कहा कि ये प्रदेश के लिए एक अच्छी खबर है। इसी के साथ मध्यप्रदेश का टाइगर स्टेट का दर्जा बरकरार है। बाघों की बढ़ी जनसंख्या ये दर्शाता है कि प्रोटेक्टिव एरिया में सही ढ़ंग से सर्वे किया गया है। वाइल्ड लाइफ और दूसरे अधिकारियों केमेहनत का ये परिणाम है।
Also Read: सावन का चौथे सोमवार पर बन रहा है बेहद खास, जानें रुद्राभिषेक और पूजा विधि का शुभ समय