मध्यप्रदेश:शिवपुरी से एक मामला सामने आया है जंहा एक नर्स ने अपने ट्रांसफर के लिए कई विभाग से अनुरोध किया था। लेकिन किसी ने भी उसकी इस अर्जी को सुना तक नहीं। जिससे थक कर नर्स ने खुदकुशी कर ली। 66 दिनों के बाद जब अफसरों की आंखे खुली तब तक बहुत देर हो चुका था। क्युकि नर्स ने आवेदन स्वीकारे जाने 66 दिन पहले ही परिस्थितियों से हार मानकर खुदकुशी कर चुकी थी । नर्स खोड़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त थी। जंहा से वो भोपाल तबादला चाहती थी ताकी अपने परिवार के पास रह सके।
बता दें ये बात दिसंबर 2022 की है। जब संविदा स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थें। उस समय नर्स (तनवी) को लगातार 90 घंटों तक ड्यूटी करनी पड़ रही थी। जिस वजह से वह काफी डिप्रेश भी रहने लगी थी। तनवी ने 20 दिसंबर को इन सारी चीजों से थक कर नींद की कई लियां खा लीं जिसकी वजह से उनकी जीन चली गई। तनवी का पूरा परिवार भोपाल में रहता था। उनके परिवार को पता था कि वो डिप्रेशन में है जिसकी वजह से उनका परिवार चाहता था कि वो उनके साथ में रहे ताकि वो डिप्रेशन से निकल सकें। लेकिन ट्रांसफर का आवेदन मंजुर नहीं किया गया।
तनवी के साथ काम करने वाली एक नर्स ने नाम सामने ना लाये जाने के शर्त पर बताया कि तनवी अपने काम में काफी माहिर थी। जिसके लिए उसे कई बार सम्मानित भी किया गया था। लेकिन कई दिनों से वो अकेला महसूस करने लगी थी और परेशान भी रहती थी।। वो समय से ट्रांसफर के प्रयास में लगी थी। अब जब उसकी इच्छा पूरी हुई तो वो इस दुनिया में नहीं है।
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