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Udayanidhi-Pandit Pradeep Mishra: उदयनिधि स्टालिन के बयान पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने जताया विरोध, कहा- उनको पागलखाने जाने की जरुरत

• LAST UPDATED : September 7, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Udhayanidhi-Pandit Pradeep Mishra: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने अपने घर पर शिव महापुराण कथा आयोजित किया है। जिसका वाचन पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा किया जा रहा है। आज कथा का तीसरा दिन है। आज पंडित प्रदीप मिश्रा ने उदयनिधि स्टालिन द्वारा दिए गए बयान का विरोध जताया है।

उन्होंने उदयनिधि स्टालिन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनसे पूछो उनके माता पिता सनातनी नही थे क्या? उनके दादा-परदादा सनातनी नहीं थे क्या? अगर सनातन धर्म को डेंगू और कोरोना कहते हैं तो वो भी कोरोना और डेंगू की औलाद ही कहलाएंगे।

  • महापुराण कथा 5 सितंबर से 9 सितंबर तक चलेगी
  • अपने ही धर्म का जड़ काटना चाहते हैं

धर्म गुरु का मार्गदर्शन

गौरतलब है कि नकुलनाथ द्वारा करवाया जा रहा महापुराण कथा 5 सितंबर से 9 सितंबर तक चलेगी। इस कथा का आज तीसरा दिन है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने ये बयान दिया है। वहीं उन्होंने धर्म को राजनीति से जोड़ने के मुद्दे पर कहा कि पहले के समय में विक्रमादित्य सहित अन्य राजा के दरबार में धर्म गुरु मार्गदर्शन देते थे। बता दें कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी उदयनिधि के इस बयान पर विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि लगता है नेता जी का दिमाग फिर गया है। उनको पागलखाने जाने की जरुरत है। खुद ही अपने धर्म का जड़ काटना चाहते हैं।

उदयनिधि स्टालिन का बयान

बता दें कि उदयनिधि स्टालिन ने बयान दिया था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है। सनातन नाम संस्कृत का है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।

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