India News MP (इंडिया न्यूज), Ujjain: सभी त्योहार सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में मनाये जाते हैं। इसके बाद दुनिया भर में त्योहार की शुरुआत हो जाती है। इसी क्रम में होली का त्योहार भी सबसे पहले 24 मार्च को भगवान महाकाल के दरबार में मनाया जाएगा।
सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में होली मनाई जाएगी। महाकाल के दरबार में होली की परंपरा काफी प्राचीन है। इसके लिए पंडित-पुजारी 15 दिन पहले से तैयारी करते हैं। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी राम ने बताया कि सभी त्योहारों की शुरुआत भगवान महाकाल के आंगन से ही होती है। सबसे पहले 24 मार्च को भगवान महाकाल के दरबार में होलिका दहन होगा। उसके बाद शाम की आरती के दौरान गुलाल उड़ाया जाएगा।
भगवान महाकाल के दरबार में हर्बल रंगों और फूलों से तैयार गुलाल से होली मनाई जाएगी। इसके बाद 25 मार्च को देशभर में होली का त्योहार मनाया जाएगा। महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि देशभर से शिवभक्त भगवान महाकाल के साथ होली का त्योहार मनाने के लिए उज्जैन आते हैं। भगवान और भक्तों की अनोखी होली को शिव भक्त हर साल याद करते हैं।
25 मार्च की सुबह महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती में भगवान को गुलाल भी अर्पित किया जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर में होलिका दहन के लिए विशेष रूप से गाय के गोबर से कंडे तैयार किए जाते हैं। शाम की आरती के दौरान होली की आरती की जाती है, जिसके बाद होलिका दहन किया जाता है। महाकालेश्वर मंदिर के पंडित और पुजारी उपचार मंत्रों के साथ भगवान से प्रार्थना करते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में शिव भक्त भी अनोखी परंपरा को देखने के लिए मंदिर पहुंचते हैं।
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